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शेखचिल्ली के किस्से की शुरुआत और कैसे मिला उन्हें यह नाम | शेखचिल्ली

शेखचिल्ली शब्द - 


आपने अक्सर सुना होगा कि कुछ लोग जो अपनी कल्पनाओं में खोए रहते हैं, या ख्याली पुलाव बनाते हैं, उन्हें लोग शेखचिल्ली कहते हैं। शेखचिल्ली शब्द तब इस्तेमाल किया जाता है, जब इंसान ख्याली पुलाव या हवा में महल बनाने वाली बातें करता हैं, जो असल में हो नहीं। 

हिंदी डिक्शनरी के अनुसार "शेखचिल्ली" का मतलब - 
1. एक कल्पित चरित्र जिसके संबंध में कई हास्यपरक कहानियाँ और किस्से मशहूर हैं।
2. दिवास्वप्न देखने वाला व्यक्ति। 
3. ऐसा मूर्ख व्यक्ति जो बिना सोचे-समझे बड़े-बड़े मंसूबे बाँधता है।

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कहां से आई शेखचिल्ली की कहानियां - 


शेखचिल्ली की कहानियां और किस्से अरब देश से आए हैं, जिस तरह हातिम ताई की कहानियां अरब देश से आई हैं। एक ओर हातिम ताई की कहानियां समझदारी से भरपूर और रोमांचक है, वही दूसरी ओर शेखचिल्ली के किस्से मूर्खता और हंसी से भरपूर है।


कैसे मिला शेखचिल्ली को उनका नाम -


शेखचिल्ली के बारे में बताया जाता है कि उनका जन्म किसी गांव में एक गरीब शेख परिवार में हुआ था। पिता बचपन में ही गुजर गए थे, मां ने उन्हें पाल-पोस कर बड़ा किया। मां हमेशा सोचती थी कि एक दिन बेटा बड़ा होकर कमाएगा तो गरीबी दूर होगी। 

उन्होंने अपने बेटे को पढ़ने के लिए मदरसे में दाखिला दिला दिया। सब बच्चे उसे 'शेख' कहा करते थे। एक बार मौलवी साहब ने पढ़ाया, लड़का है तो "खाता" है और लड़की है तो "खाती" है। जैसे- रहमान जा रहा है और रजिया जा रही है। यह सब शेख मतलब शेखचिल्ली ने ध्यान से सुना।

एक दिन एक लड़की कुएं में गिर पड़ी। वह मदद के लिए चिल्ला रही थी। 'शेख' दौड़कर साथियों के पास आए और बोले, "वह लड़की मदद के लिए 'चिल्ली' रही है।" 
पहले तो दूसरे लड़के समझे नहीं, फिर 'शेख' उन्हें कुएं पर ले गए। सबने मिलकर लड़की को बाहर निकाला। वह लड़की जोर-जोर से रो रही थी। 
'शेख' लड़की को बार-बार समझा रहे थे, "देखो, तुम कैसे 'चिल्ली' रही है, रो मत, सब ठीक हो जाएगी। 

किसी ने पूछा- "शेख! तू बार-बार इससे 'चिल्ली-चिल्ली' क्यों कह रहा है?"
शेख बोले, "लड़की है तो 'चिल्ली' ही तो कहेंगे। लड़का होता तो 'चिल्ला रहा' है कहते।"

यह सब सुनकर लड़कों की हंसी का ठिकाना ना था। उन्होंने 'शेख' की मूर्खता समझ ली और उसे 'चिल्ली-चिल्ली' कहकर चिढ़ाने लगे। 
फिर क्या था लड़कों ने 'शेख' का नाम ही 'शेखचिल्ली' रख दिया। उस दिन के बाद से सब उन्हें शेखचिल्ली कहने लगे।

यह सब होने के बाद भी 'शेख' को यह बात समझ ना आई कि उनका नाम 'शेख से शेखचिल्ली' कैसे हो गया। उन्होंने अपना यह नया नाम बिना बुरा माने स्वीकारा, और उसे कभी बदलने की कोशिश नहीं की। अंत तक हर कोई उन्हें शेखचिल्ली के नाम से ही बुलाता था। 


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"धन्यवाद दोस्तों"

Story & Written By - Khushi 
References - All the Sheikh Chilli Data Online
Post By - Khushi 

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