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तेंदुए का शिकार | शेखचिल्ली

चलिए आज हम आपको शेखचिल्ली की एक और मजेदार कहानी बताते हैं!
एक बार की बात है, शेखचिल्ली का भाग्य जागा! झज्जर के नवाब ने शेखचिल्ली को नौकरी पर रख लिया था। शेखचिल्ली अब समाज का एक गणमान्य व्यक्ति था।

एक दिन नवाब साहब शिकार के लिए जा रहे थे। शेखचिल्ली ने भी साथ आने की विनती की। 

तेंदुए का शिकार | शेखचिल्ली | KW Story Time

शेखचिल्ली और कुएं की परियां | शेखचिल्ली

शेखचिल्ली के बारे में तो आप जानते ही हैं कि वह एक गांव में एक सुस्त और कामचोर आदमी की तरह रहता था। काम-धाम तो वह कोई करता न था, हां बातें बनाने में बड़ा माहिर था। इसलिए लोग उसे शेखचिल्ली कहकर पुकारते थे। 

शेखचिल्ली के घर की हालत इतनी खराब थी कि महीने में बीस दिन चूल्हा नहीं जल पाता था। शेखचिल्ली की बेवकूफी और सुस्ती की सजा उसकी बीवी को भी भुगतनी पड़ती और भूखे रहना पड़ता। एक दिन शेखचिल्ली की बीवी को बड़ा गुस्सा आया। वह बहुत बिगड़ी और कहा, "अब मैं तुम्हारी कोई भी बात नहीं सुनना चाहती। चाहे जो कुछ करो, लेकिन मुझे तो पैसा चाहिए। जब तक तुम कोई कमाई करके नहीं लाओगे, मैं घर में नहीं, घुसने दूंगी।"

शेखचिल्ली और कुएं की परियां | शेखचिल्ली | KWStoryTime

खयाली पुलाव | शेखचिल्ली

एक दिन सुबह-सुबह मियां शेख चिल्ली बाज़ार पहुँच गए। बाज़ार से उन्होने अंडे खरीदे और उन अंडों को एक टोकरी नें भर कर अपने सिर पर रख लिया, फिर वह घर की ओर जाने लगे। घर जाते-जाते उन्हे खयाल आया कि अगर इन अंडों से बच्चे निकलें तो मेरे पास ढेर सारी मुर्गियाँ होंगी। वह सब मुर्गियाँ ढेर सारे अंडे देंगी। उन अंडों को बाज़ार में बेच कर मैं धनवान बन जाऊंगा। अमीर बन जाने के बाद मै एक नौकर रखूँगा जो मेरे लिए खरीदारी करेगा। उसके बाद मैं अपनें लिए एक महल जैसा आलीशान घर बनवाऊंगा। उस बड़े से घर में हर प्रकार की भव्य सुख-सुविधा होगी।

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शेखचिल्ली की खीर | शेखचिल्ली

आज हम आपको शेखचिल्ली की एक और कहानी बताएंगे। इस कहानी को "शेखचिल्ली की खीर" के नाम से जाना जाता है। आइए पढ़ते हैं!

शेखचिल्ली हमेशा बेवकूफी भरी बातें ही करता था, शेख चिल्ली की माँ उसकी बेवकूफी भरी बातों से बहुत परेशान रहती थी। एक बार शेखचिल्ली ने अपनी माँ से पूछा कि माँ! लोग मरते कैसे हैं? अब माँ सोचने लगी कि इस बेवक़ूफ़ को कैसे समझाया जाए कि लोग कैसे मरते हैं, माँ ने कहा कि बस आँखें बंद हो जाती हैं और लोग मर जाते हैं। शेखचिल्ली ने सोचा कि उसे एक बार मर कर देखना चाहिए। उसने गाँव के बाहर जाकर एक गड्ढा खोदा और उसमें आँखें बंद करके लेट गया।

शेखचिल्ली की खीर | शेखचिल्ली | KWStoryTime

बुखार का इलाज | शेखचिल्ली

आज हम आपको शेखचिल्ली की एक और कहानी बताएंगे। इस कहानी को "बुखार का इलाज" के नाम से जाना जाता है। आइए पढ़ते हैं!

शेखचिल्ली अपने घर के बरामदे में बैठे-बैठे खुली आँखों से सपने देख रहे थे। उनके सपनों में एक विशालकाय पतंग उड़ी जा रही और शेखचिल्ली उसके ऊपर सवार थे। कितना आनंद आ रहा था, आसमान में उड़ते हुए नीचे देखने में। हर चीज़ छोटी नज़र आ रही थी। 

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सड़क यहीं रहती है | शेखचिल्ली

एक दिन शेखचिल्ली कुछ लड़कों के साथ, अपने कस्बे के बाहर एक पुलिया पर बैठे थे। तभी एक सज्जन शहर से आए और लड़कों से पूछने लगे, "क्यों भाई! 'शेख साहब' के घर को कौन-सी सड़क जाती है?"

शेखचिल्ली के पिता को सब 'शेख साहब' कहते थे। उस गाँव में वैसे तो बहुत से शेख थे, परंतु 'शेख साहब' शेखचिल्ली के अब्बाजान ही कहलाते थे। वह व्यक्ति उन्हीं के बारे में पूछ रहा था। वह 'शेख साहब' के घर जाना चाहता था।
परन्तु उसने पूछा था कि 'शेख साहब' के घर कौन-सा रास्ता जाता है! 

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शेखचिल्ली के किस्से की शुरुआत और कैसे मिला उन्हें यह नाम | शेखचिल्ली

शेखचिल्ली शब्द - 


आपने अक्सर सुना होगा कि कुछ लोग जो अपनी कल्पनाओं में खोए रहते हैं, या ख्याली पुलाव बनाते हैं, उन्हें लोग शेखचिल्ली कहते हैं। शेखचिल्ली शब्द तब इस्तेमाल किया जाता है, जब इंसान ख्याली पुलाव या हवा में महल बनाने वाली बातें करता हैं, जो असल में हो नहीं। 

हिंदी डिक्शनरी के अनुसार "शेखचिल्ली" का मतलब - 
1. एक कल्पित चरित्र जिसके संबंध में कई हास्यपरक कहानियाँ और किस्से मशहूर हैं।
2. दिवास्वप्न देखने वाला व्यक्ति। 
3. ऐसा मूर्ख व्यक्ति जो बिना सोचे-समझे बड़े-बड़े मंसूबे बाँधता है।

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