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मजदूर का संक्षिप्त वृत्तांत की कहानी | 13th Story | अलिफ लैला

मजदूर बोला, 'हे सुंदरी, मैं तुम्हारी आज्ञानुसार ही अपना हाल कहूँगा और यह बताऊँगा कि मैं यहाँ क्यों आया। आज सवेरे मैं अपना टोकरा लिए काम की तलाश में बाजार में खड़ा था। 

मजदूर का संक्षिप्त वृत्तांत की कहानी | 13th Story | अलिफ लैला

किस्सा तीन राजकुमारों और पाँच सुंदरियों की कहानी | 12th Story | अलिफ लैला

शहरजाद की कहानी रात रहे समाप्त हो गई तो दुनियाजाद ने कहा - बहन, यह कहानी तो बहुत अच्छी थी, कोई और भी कहानी तुम्हें आती है? शहरजाद ने कहा कि आती तो है किंतु बादशाह की अनुमति हो तो कहूँ। बादशाह ने अनुमति दे दी और शहरजाद ने कहना शुरू किया।

खलीफा हारूँ रशीद के राज्य में बगदाद में एक मजदूर रहता था। वह स्वभाव का बड़ा हँसमुख और बातूनी था। एक दिन प्रातःकाल वह बाजार में एक बड़ा टोकरा लिए मजदूरी की आशा में खड़ा था। 

किस्सा तीन राजकुमारों और पाँच सुंदरियों की कहानी | 12th Story | अलिफ लैला

काले द्वीपों के बादशाह की कहानी | 11th Story | अलिफ लैला

उस जवान ने अपना वृत्तांत कहना आरंभ किया। उसने कहा "मेरे पिता का नाम महमूद शाह था। वह काले द्वीपों का अधिपति था, वे काले द्वीप चार विख्यात पर्वत हैं। उसकी राजधानी उसी स्थान पर थी जहाँ वह रंगीन मछलियों वाला तालाब है। मैं आपको ब्योरेवार सारी कहानी बता रहा हूँ जिससे आपको सारा हाल मालूम हो जाएगा। जब मेरा पिता सत्तर वर्ष का हुआ तो उसका देहांत हो गया और उसकी जगह मैं राजसिंहासन पर बैठा। मैंने अपने चाचा की बेटी के साथ विवाह किया। मैं उसे बहुत चाहता था और वह भी मुझे बहुत चाहती थी।

काले द्वीपों के बादशाह की कहानी | 11th Story | अलिफ लैला

अमात्य की कहानी | 10th Story | अलिफ लैला

प्राचीन समय में एक राजा था उसके राजकुमार को मृगया का बड़ा शौक था। राजा उसे बहुत चाहता था, राजकुमार की किसी इच्छा को अस्वीकार नहीं करता था। एक दिन राजकुमार ने शिकार पर जाना चाहा। राजा ने अपने एक अमात्य को बुलाकर कहा कि राजकुमार के साथ चले जाओ, तुम्हें सब रास्ते मालूम हैं, राजकुमार को नहीं मालूम, इसलिए एक क्षण के लिए भी राजकुमार का साथ न छोड़ना।

अमात्य की कहानी | 10th Story | अलिफ लैला

भद्र पुरुष और उसके तोते की कहानी | 9th Story | अलिफ लैला

पूर्वकाल में किसी गाँव में एक बड़ा भला मानस रहता था। उसकी पत्नी अतीव सुंदरी थी और भला मानस उससे बहुत प्रेम करता था। अगर कभी घड़ी भर के लिए भी वह उसकी आँखों से ओझल होती थी तो वह बेचैन हो जाता था।

भद्र पुरुष और उसके तोते की कहानी | 9th Story | अलिफ लैला

तेंदुए का शिकार | शेखचिल्ली

चलिए आज हम आपको शेखचिल्ली की एक और मजेदार कहानी बताते हैं!
एक बार की बात है, शेखचिल्ली का भाग्य जागा! झज्जर के नवाब ने शेखचिल्ली को नौकरी पर रख लिया था। शेखचिल्ली अब समाज का एक गणमान्य व्यक्ति था।

एक दिन नवाब साहब शिकार के लिए जा रहे थे। शेखचिल्ली ने भी साथ आने की विनती की। 

तेंदुए का शिकार | शेखचिल्ली | KW Story Time

गरीक बादशाह और हकीम दूबाँ की कथा | 8th Story | अलिफ लैला

दैत्य ने यह पूछने पर कि यह कहानी क्या है, मछुवारे ने कहना शुरू किया। कहानी का नाम था - गरीक बादशाह और हकीम दूबाँ की कहानी!

फारस देश में एक रूमा नामक नगर था। उस नगर के बादशाह का नाम गरीक था। उस बादशाह को कुष्ठ रोग हो गया। इससे वह बड़े कष्ट में रहता था। राज्य के वैद्य-हकीमों ने भाँति-भाँति से उसका रोग दूर करने के उपाय किए किंतु उसे स्वास्थ्य लाभ नहीं हुआ। संयोगवश उस नगर में दूबाँ नामक एक हकीम का आगमन हुआ। वह चिकित्सा शास्त्र में अद्वितीय था, जड़ी-बूटियों की पहचान उससे अधिक किसी को भी नहीं थी। इसके अतिरिक्त वह प्रत्येक देश की भाषा तथा यूनानी, अरबी, फारसी इत्यादि अच्छी तरह जानता था।
गरीक बादशाह और हकीम दूबाँ की कथा | 8th Story | अलिफ लैला

शेखचिल्ली और कुएं की परियां | शेखचिल्ली

शेखचिल्ली के बारे में तो आप जानते ही हैं कि वह एक गांव में एक सुस्त और कामचोर आदमी की तरह रहता था। काम-धाम तो वह कोई करता न था, हां बातें बनाने में बड़ा माहिर था। इसलिए लोग उसे शेखचिल्ली कहकर पुकारते थे। 

शेखचिल्ली के घर की हालत इतनी खराब थी कि महीने में बीस दिन चूल्हा नहीं जल पाता था। शेखचिल्ली की बेवकूफी और सुस्ती की सजा उसकी बीवी को भी भुगतनी पड़ती और भूखे रहना पड़ता। एक दिन शेखचिल्ली की बीवी को बड़ा गुस्सा आया। वह बहुत बिगड़ी और कहा, "अब मैं तुम्हारी कोई भी बात नहीं सुनना चाहती। चाहे जो कुछ करो, लेकिन मुझे तो पैसा चाहिए। जब तक तुम कोई कमाई करके नहीं लाओगे, मैं घर में नहीं, घुसने दूंगी।"

शेखचिल्ली और कुएं की परियां | शेखचिल्ली | KWStoryTime

मछुवारे की कहानी | 7th Story | अलिफ लैला

किस्सा मछुवारे का!

शहरजाद ने कहा कि हे स्वामी, एक वृद्ध और धार्मिक प्रवृत्ति का मुसलमान मछुवारा मेहनत करके अपने स्त्री-बच्चों का पेट पालता था। वह नियमित रूप से प्रतिदिन सवेरे ही उठकर नदी के किनारे जाता और चार बार नदी में जाल फेंकता था। एक दिन सवेरे उठकर उसने नदी में जाल डाला। उसे निकालने लगा तो जाल बहुत भारी लगा। उसने समझा कि आज कोई बड़ी भारी मछली हाथ आई है लेकिन मेहनत से जाल दबोच कर निकाला तो उसमें एक गधे की लाश फँसी थी। वह उसे देखकर जल-भुन गया, उसका जाल भी गधे के बोझ से जगह-जगह फट गया था।

मछुवारे की कहानी | 7th Story | अलिफ लैला

खयाली पुलाव | शेखचिल्ली

एक दिन सुबह-सुबह मियां शेख चिल्ली बाज़ार पहुँच गए। बाज़ार से उन्होने अंडे खरीदे और उन अंडों को एक टोकरी नें भर कर अपने सिर पर रख लिया, फिर वह घर की ओर जाने लगे। घर जाते-जाते उन्हे खयाल आया कि अगर इन अंडों से बच्चे निकलें तो मेरे पास ढेर सारी मुर्गियाँ होंगी। वह सब मुर्गियाँ ढेर सारे अंडे देंगी। उन अंडों को बाज़ार में बेच कर मैं धनवान बन जाऊंगा। अमीर बन जाने के बाद मै एक नौकर रखूँगा जो मेरे लिए खरीदारी करेगा। उसके बाद मैं अपनें लिए एक महल जैसा आलीशान घर बनवाऊंगा। उस बड़े से घर में हर प्रकार की भव्य सुख-सुविधा होगी।

खयाली पुलाव | शेखचिल्ली | www.KWStoryTime.com

तीसरे बूढ़े और उसके खच्चर की कहानी | 6th Story | अलिफ लैला

किस्सा तीसरे बूढ़े का जिसके साथ एक खच्चर था!!

तीसरे बूढ़े ने कहना शुरू किया! हे दैत्य सम्राट, यह खच्चर मेरी पत्नी है!! मैं व्यापारी था। एक बार मैं व्यापार के लिए परदेश गया। जब मैं एक वर्ष बाद घर लौटकर आया तो मैंने देखा कि मेरी पत्नी एक हब्शी गुलाम के पास बैठी हास-विलास और प्रेमालाप कर रही है। यह देखकर मुझे अत्यंत आश्चर्य और क्रोध हुआ और मैंने चाहा कि उन दोनों को दंड दूँ। तभी मेरी पत्नी एक पात्र में जल ले आई और उस पर एक मंत्र फूँक कर उसने मुझ पर अभिमंत्रित जल छिड़क दिया जिससे मैं कुत्ता बन गया। पत्नी ने मुझे घर से भगा दिया और फिर अपने हास-विलास में लग गई।

तीसरे बूढ़े और उसके खच्चर की कहानी | 6th Story | अलिफ लैला

दूसरे बूढ़े और उसके दो काले कुत्तोँ की कहानी | 5th Story | अलिफ लैला

किस्सा दूसरे बूढ़े का जिसके पास दो काले कुत्ते थे!!

दूसरे बूढ़े ने कहा, हे दैत्यराज! ये दोनों काले कुत्ते मेरे सगे भाई हैं। हमारे पिता ने मरते समय हम तीनों भाइयों को तीन हजार अशर्फियाँ दी थीं। हम लोग उन मुद्राओं से व्यापार चलाने लगे। मेरे बड़े भाई को विदेशों में जाकर व्यापार करने की इच्छा हुई सो उसने अपना सारा माल बेच डाला और जो वस्तुएँ विदेशों में महँगी बिकती थीं उन्हें यहाँ से खरीद कर व्यापार को चल दिया। 

दूसरे बूढ़े और उसके दो काले कुत्तोँ की कहानी | 5th Story | अलिफ लैला

शेखचिल्ली की खीर | शेखचिल्ली

आज हम आपको शेखचिल्ली की एक और कहानी बताएंगे। इस कहानी को "शेखचिल्ली की खीर" के नाम से जाना जाता है। आइए पढ़ते हैं!

शेखचिल्ली हमेशा बेवकूफी भरी बातें ही करता था, शेख चिल्ली की माँ उसकी बेवकूफी भरी बातों से बहुत परेशान रहती थी। एक बार शेखचिल्ली ने अपनी माँ से पूछा कि माँ! लोग मरते कैसे हैं? अब माँ सोचने लगी कि इस बेवक़ूफ़ को कैसे समझाया जाए कि लोग कैसे मरते हैं, माँ ने कहा कि बस आँखें बंद हो जाती हैं और लोग मर जाते हैं। शेखचिल्ली ने सोचा कि उसे एक बार मर कर देखना चाहिए। उसने गाँव के बाहर जाकर एक गड्ढा खोदा और उसमें आँखें बंद करके लेट गया।

शेखचिल्ली की खीर | शेखचिल्ली | KWStoryTime

पहले बूढ़े और उसकी हिरनी की कहानी | 4th Story | अलिफ लैला

हिरनी वाले बूढ़े ने कहानी सुनाना शुरू की!!

वृद्ध बोला, "हे दैत्यराज, अब ध्यान देकर मेरा वृत्तांत सुनें।" यह हिरनी मेरे चचा की बेटी और मेरी पत्नी है। जब यह बारह वर्ष की थी तो इसके साथ मेरा विवाह हुआ। यह अत्यंत पतिव्रता थी और मेरे प्रत्येक आदेश का पालन करती थी। किंतु जब विवाह को तीस वर्ष हो गए और इससे कोई संतान नहीं हुई तो मैंने एक दासी मोल ले ली क्योंकि मुझे संतान की अति तीव्र अभिलाषा थी। 

बूढ़े और उसकी हिरनी की कहानी | 4th Story | Alif Lalia

बुखार का इलाज | शेखचिल्ली

आज हम आपको शेखचिल्ली की एक और कहानी बताएंगे। इस कहानी को "बुखार का इलाज" के नाम से जाना जाता है। आइए पढ़ते हैं!

शेखचिल्ली अपने घर के बरामदे में बैठे-बैठे खुली आँखों से सपने देख रहे थे। उनके सपनों में एक विशालकाय पतंग उड़ी जा रही और शेखचिल्ली उसके ऊपर सवार थे। कितना आनंद आ रहा था, आसमान में उड़ते हुए नीचे देखने में। हर चीज़ छोटी नज़र आ रही थी। 

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सड़क यहीं रहती है | शेखचिल्ली

एक दिन शेखचिल्ली कुछ लड़कों के साथ, अपने कस्बे के बाहर एक पुलिया पर बैठे थे। तभी एक सज्जन शहर से आए और लड़कों से पूछने लगे, "क्यों भाई! 'शेख साहब' के घर को कौन-सी सड़क जाती है?"

शेखचिल्ली के पिता को सब 'शेख साहब' कहते थे। उस गाँव में वैसे तो बहुत से शेख थे, परंतु 'शेख साहब' शेखचिल्ली के अब्बाजान ही कहलाते थे। वह व्यक्ति उन्हीं के बारे में पूछ रहा था। वह 'शेख साहब' के घर जाना चाहता था।
परन्तु उसने पूछा था कि 'शेख साहब' के घर कौन-सा रास्ता जाता है! 

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शेखचिल्ली के किस्से की शुरुआत और कैसे मिला उन्हें यह नाम | शेखचिल्ली

शेखचिल्ली शब्द - 


आपने अक्सर सुना होगा कि कुछ लोग जो अपनी कल्पनाओं में खोए रहते हैं, या ख्याली पुलाव बनाते हैं, उन्हें लोग शेखचिल्ली कहते हैं। शेखचिल्ली शब्द तब इस्तेमाल किया जाता है, जब इंसान ख्याली पुलाव या हवा में महल बनाने वाली बातें करता हैं, जो असल में हो नहीं। 

हिंदी डिक्शनरी के अनुसार "शेखचिल्ली" का मतलब - 
1. एक कल्पित चरित्र जिसके संबंध में कई हास्यपरक कहानियाँ और किस्से मशहूर हैं।
2. दिवास्वप्न देखने वाला व्यक्ति। 
3. ऐसा मूर्ख व्यक्ति जो बिना सोचे-समझे बड़े-बड़े मंसूबे बाँधता है।

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व्यापारी और दैत्य की कहानी | 3rd Story | अलिफ लैला

शहरजाद ने कहानी सुनाना शुरू की!!

प्राचीन काल में एक अत्यंत धनी व्यापारी बहुत-सी वस्तुओं का कारोबार किया करता था। यद्यपि प्रत्येक स्थान पर उसकी कोठियाँ, गुमाश्ते और नौकर-चाकर रहते थे, तथापि वह स्वयं भी व्यापार के लिए देश-विदेश की यात्रा किया करता था। 
एक बार उसे किसी विशेष कार्य के लिए अन्य स्थान पर जाना पड़ा। वह अकेला घोड़े पर बैठ कर चल दिया। गंतव्य स्थान पर खाने-पीने को कुछ नहीं मिलता था, इसलिए उसने एक खुर्जी में कुलचे और खजूर भर लिए। 

व्यापारी और दैत्य की कहानी | 3rd Story | Alif Lalia

गधे, बैल और उनके मालिक की कहानी | शहरयार और शहरजाद की शादी | 2nd Story | अलिफ लैला

एक बड़ा व्यापारी था जिसके गाँव में बहुत-से घर और कारखाने थे जिनमें तरह-तरह के पशु रहते थे। एक दिन वह अपने परिवार सहित कारखानों को देखने के लिए गाँव गया। उसने अपनी पशुशाला भी देखी जहाँ एक गधा और एक बैल बँधे हुए थे। उसने देखा कि वे दोनों आपस में वार्तालाप कर रहे हैं। वह व्यापारी पशु-पक्षियों की बोली समझता था। वह चुपचाप खड़ा होकर दोनों की बातें सुनने लगा।

गधे, बैल और उनके मालिक की कहानी | शहरयार और शहरजाद की शादी

शहरयार और शाहजमाँ की कहानी | अलिफ लैला की प्रारम्भ की कहानी | 1st Story | अलिफ लैला

आइए जानते हैं कैसे प्रारम्भ हुई अलिफ लैला की कहानियां!

फारस देश भी हिंदुस्तान और चीन के समान था और कई नरेश उसके अधीन थे। वहाँ का राजा महाप्रतापी, बड़ा तेजस्वी था और न्यायप्रिय होने के कारण प्रजा को प्रिय था। उस बादशाह के दो बेटे थे जिनमें बड़े लड़के का नाम शहरयार और छोटे लड़के का नाम शाहजमाँ था। दोनों राजकुमार गुणवान, वीर धीर और शीलवान थे।

शहरयार और शाहजमाँ की कहानी | अलिफ लैला की प्रारम्भ की कहानी