एक बार जंगल में एक शिकारी आया और उसने पेड़ के नीचे एक जाल बिछा दिया। उसी पेड़ के नीचे से हिरण निकल रहा था। हिरण का पैर उस जाल पर जा लगा और वह उस में फंस गया।
अब बेचारा हिरण असहाय सा जाल में फंसा था, उसे लगा कि आज मेरी मृत्यु निश्चित है। इस डर से वह घबराने लगा। तभी उसके मित्र कौए ने ये सब देखा और तुरंत कछुए और चूहे को हिरण की सहायता के लिए बुला लिया।
कौए ने जाल में फंसे हिरण पर इस तरह चोंच मारना शुरू कर दिया, जैसे कोई किसी मृत जानवर की लाश को नोंचकर खाते हैं। अब शिकारी को लगा कि कहीं यह हिरण मर तो नहीं गया।
उसी समय कछुआ उसके आगे से गुजरने लगा। शिकारी ने सोचा हिरण तो मर गया है, क्यों ना कछुए को ही पकड़ा जाए। यही सोचकर वह कछुए के पीछे-पीछे चल दिया। इधर मौका पाते ही, चूहे ने हिरण का सारा जाल काट डाला और उसे आजाद कर दिया।
शिकारी कछुए के पीछे-पीछे जा ही रहा था, कि तभी कौआ उड़ता हुआ आया और कछुए को अपनी चौंच में दबाकर उड़ाकर ले गया। शिकारी यह सब देखता रह गया।
इस तरह चारों मित्रों ने एक साथ मिलजुल कर अपनी और एक दूसरे की जान बचा ली।
शिक्षा :-
प्यारे बच्चों! "अगर एक साथ काम किया जाए, तो हम बड़े से बड़े विपत्ति से बच सकते हैं। जीवन में अच्छे दोस्त बनाएं और आप भी बनिए।"
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"शुक्रीया दोस्तो"
Story By :- Panchatantra ki Kahaniya
Post By :- Khushi
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