1. जो हुआ वह अच्छे के लिए हुआ है, जो हो रहा है वह भी अच्छे के लिए ही हो रहा है, और जो होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा।
2. मेरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय, किंतु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं, वह मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ।
3. नरक के तीन द्वार हैं - वासना, क्रोध और लालच।
4. जो प्राणी सभी इच्छाएं त्याग देता है और 'मैं' और 'मेरा' की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शांति प्राप्त होती है।
5. तुम उसके लिए शोक करते हो, जो शोक करने के योग्य नहीं है और फिर ज्ञान की बात करते हो। बुद्धिमान व्यक्ति ना जीवित और ना ही मृत व्यक्ति के लिए शोक करते हैं।
आशा करती हूं आपको श्रीमद्भागवत गीता यह छोटे उपदेश पसंद आए होंगे। अगर आप लोगों के पास भी उपदेश हो तो हमें नीचे कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताएं। आप हमें ईमेल भी कर सकते हैं। हम जल्दी ही एक नई कहानी के साथ आपसे मिलते हैं, तब तक अपना ध्यान रखें और खुश हुई।
2. मेरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय, किंतु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं, वह मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ।
3. नरक के तीन द्वार हैं - वासना, क्रोध और लालच।
4. जो प्राणी सभी इच्छाएं त्याग देता है और 'मैं' और 'मेरा' की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शांति प्राप्त होती है।
5. तुम उसके लिए शोक करते हो, जो शोक करने के योग्य नहीं है और फिर ज्ञान की बात करते हो। बुद्धिमान व्यक्ति ना जीवित और ना ही मृत व्यक्ति के लिए शोक करते हैं।
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