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श्री कृष्ण और घमंडी कालिया नाग की कहानी | Mythological Story

आज हम आपको श्रीकृष्ण की पौराणिक कहानी सुनाने जा रहे हैं। कहानी कुछ इस तरह से हैं!

बचपन में जब श्री कृष्णा गोकुल में रहा करते थे, गोकुल के पास ही युमना नदी बहती थी। एक बार यमुना को कालिया नाग ने अपना घर बना लिया और नदी के पानी को अपने विष से जहरीला कर दिया। उस पानी को पीकर पशु-पक्षी और गांव के लोग मरने लगे थे।
श्री कृष्ण और कालिया नाग की कहानी

एक बार श्री कृष्ण अपने दोस्तों के साथ खेलते-खेलते यमुना नदी के किनारे पहुंच गए और खेलते-खेलते अचानक से उनकी गेंद नदी में गिर गई। अब यमुना नदी के पानी और उसमें रहने वाले कालिया नाग के बारे में सभी को मालूम था। इसलिए, मौत के डर से कोई भी नदी में जाने को तैयार नहीं हुआ।

तब श्री कृष्ण ने कहा कि मैं गेंद लेकर आता हूं। सभी बच्चों ने उन्हें नदी में जाने से रोका, लेकिन वह नहीं माने और नदी में छलांग लगा दी। सभी बच्चे डर के मारे घर पहुंचे और यशोदा मैया को श्री कृष्णा के नदी में कूदने की बात बता दी। यह सुनते ही यशोदा मैया डर गईं और फूट-फूट कर रोने लगीं। यह बात धीरे-धीरे पूरे गाेकुल धाम में जंगल की आग की तरह फैल गई।

सभी दौड़े-दौड़े यमुना नदी किनारे आ गए, लेकिन कृष्णा अभी तक वापस नहीं आए थे। वहीं, नदी में कृष्ण को देखकर कालिया नाग की पत्नियों ने उन्हें वापस जाने को कहा, लेकिन कृष्णा नहीं माने और तभी कालिया नाग जाग गया। कृष्ण ने कालिया नाग को यमुना नदी छोड़ने का आदेश दिया, लेकिन घमंडी कालिया नाग ने मना कर दिया और कृष्ण को मारने के इरादे से उन पर हमला कर दिया। कृष्ण और घमंडी कालिया नाग की जोरदार लड़ाई हुई। कुछ समय के बाद कालिया नाग हार गया और कृष्ण उसके फन पर नाचने लगे।

कालिया नाग को समझ आ गया था कि वह कृष्णा से जीत नहीं सकते, उसका घमंड पूरी तरीके से चूर-चूर हो गया था। उसने कृष्णा से अपने प्राण बचाने के लिए प्रार्थना की। तब कृष्णा ने उसे अपने स्थान पर वापस जाने को कहा। कालिया ने कहा कि मैं जहां रहता था वहां एक गरुड़ मुझे मारना चाहता था, अगर मैं वापस गया तो वह मुझे मार देगा। इस पर कृष्णा ने कहा कि मेरे चरणों के निशान तुम्हारे फन पर हैं, उसे देखकर गरुड़ तुमको नहीं मारेगा।

इसके बाद कालिया नाग श्री कृष्ण को अपने फन पर उठाकर यमुना नदी से बाहर आ गया और इसके बाद अपनी पत्नियों के साथ अपने पुराने स्थान पर चला गया। कृष्ण को सही सलामत वापस पाकर सभी बहुत खुश हुए और गोकुल में उत्सव मनाया गया। इस तरह श्री कृष्ण ने कालिया नाक से गोकुल के लोगों को बचाया।

आशा करती हूं कि आपको यह कहानी पसंद आई होगी। इस जन्माष्टमी में अपने घरवालों को और अपने बच्चों को यह कहानी जरूर सुनाइएगा।
अगर आपके पास भी कोई जन्माष्टमी की कहानी हो तो हमें जरूर भेजें। आप सभी को जन्माष्टमी की बहुत-बहुत बधाई। अपना ध्यान रखिए और खुश रहिए। हम जल्द ही एक नई कहानी के साथ आपसे मिलते हैं।

Story By - Mythological Krishna Stories
Post By - Khushi

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