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भगवान कृष्ण को 'गोविंद' नाम क्यों पड़ा? | श्री कृष्ण को गोविंद क्यों कहते हैं? | Krishna Stories | Mythological Story

पुरातन काल में, भगवान कृष्ण बचपन में बहुत चंचल और प्यारे थे। उन्हें कई नामों से पुकारा जाता था, जैसे कन्हैया, श्याम, नंदलाला, और गोपाल। हर नाम के पीछे एक कहानी है, और आज की कहानी कृष्ण के 'गोविंद' नाम के बारे में है।

जब कृष्ण छोटे थे, वे अक्सर गायों को चराने के लिए वन में ले जाते थे। एक दिन, जब वे गायों को घास चराने के लिए गहरे जंगल में ले गए, तो एक अद्वितीय घटना घटी। वहाँ कामधेनु नाम की एक दिव्य गाय आई, जो स्वर्गलोक से आई थी।

कामधेनु ने कृष्ण के सामने आकर कहा, “हे कृष्ण, मैं कामधेनु हूँ, एक दिव्य गाय जो स्वर्ग से आई है। मैं आपकी धरती पर गायों के प्रति स्नेह और सुरक्षा से बहुत प्रभावित हूँ। मैं आपको सम्मानित करने के लिए एक पवित्र अभिषेक करना चाहती हूँ।”

भगवान कृष्ण को 'गोविंद' नाम क्यों पड़ा? | श्री कृष्ण को गोविंद क्यों कहते हैं? | Krishna Stories | Mythological Story

Hanuman Uncovers His Hidden Powers | Mythological Story

Did you know that Lord Hanuman once forgot about his own powers and had to be reminded of how strong he truly was? Let's read this fascinating story!

Sampati, an old eagle, lived on a rock by the southern seashore. One day, he saw a group of monkeys gathered on the beach and asked why they were there. Jambuvan, an elderly bear, explained, "Rama, the prince of Ayodhya, was living in the forest with his wife, Sita, and brother, Lakshmana. When the two brothers were away, Sita was kidnapped. Our king, Sugriva, who is Rama's friend, sent us to find her."

Hanuman Discovers His Strength | Mythological Story

गणेश जी के टूटे दांत की कथा | Mythological Story

प्राचीन समय की बात है, जब देवताओं के लोक में भगवान गणेश रहते थे। गणेश जी को बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि का देवता माना जाता है। उनके हाथी जैसे मुख और मोदकों के प्रति उनके प्रेम के कारण, वे सभी के प्रिय थे। एक देर शाम, गणेश जी अपने प्रिय वाहन, मूषक, पर सवार होकर घर लौट रहे थे। उस दिन उन्होंने बहुत सारे मोदक खाए थे और वे उन्हें अपने साथ ले जा रहे थे।

रास्ते में, मूषक गणेश जी और मोदकों के भार को संभाल नहीं सका और थक गया। अचानक, मूषक संतुलन खो बैठा और गिर गया। गणेश जी भी गिर पड़े और मोदक सड़कों पर बिखर गए। गणेश जी ने बिना किसी चिंता के मोदकों को एक-एक कर उठाना शुरू किया, ताकि उनके प्रिय मोदक बर्बाद न हों।

गणेश जी के टूटे दांत की कथा | Mythological Story

नंदी जी कैसे बने भगवान शिव के वाहन? | Mythological Story

आज हम आपको भगवान शिव और नंदी जी की कहानी बताने जा रहे हैं! 

पुराणों के अनुसार नंदी असल में शिलाद ऋषि के पुत्र थे और शिलाद ऋषि ब्रह्मचारी थे। ब्रह्मचारी व्रत का पालन करते-करते शिलाद ऋषि के मन में एक भय बैठ गया। भय था कि बिना संतान उनकी मृत्यु के बाद उनका वंश समाप्त हो जाएगा। इसलिए, उन्होंने अपने वंश को आगे बढ़ाने के लिए एक बच्चा गोद लेने का मन बनाया। मन तो ऋषि शिलाद ने बना लिया, लेकिन दुविधा यह थी कि ऋषि ऐसे बालक को गोद लेना चाहते थे, जिस पर भगवान शिव की असीम कृपा हो।

नंदी जी कैसे बने भगवान शिव के वाहन? | Mythological Story

भगवान शिव को तीसरी आंख कैसे मिली? | Mythological Story

आज हम आपको भगवान शिव जी के एक प्रसिद्ध कहानी बताने जा रहे हैं कि उन्हें अपनी तीसरी आंख कैसे मिली? आइए पढ़ते हैं! 

भगवान शिव जी की हर प्रतिमा में उनके मस्तक पर एक आंख दिखाई देती है। इसे भोलेनाथ की तीसरी आंख कहते हैं! भगवान शिव के मस्तक पर तीसरी आंख है, इसलिए उन्हें त्रिलोचन भी कहा जाता है। वैसे क्या आप जानते हैं कि शिव जी को यह तीसरी आंख कैसे मिली? इस घटना के पीछे एक कहानी है, जिसमें शिव जी की तीसरी आंख का रहस्य और महत्व दोनों पता चलता है।

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श्री हनुमान क्यों हुए सिंदूरी | Mythological Story

आपने देखा होगा कि हनुमान जी के मंदिर में अक्सर उन्हें सिंदूर चढ़ाया जाता है। कई मंदिरों में हनुमान जी की मूर्ति सिंदूरी रंग की ही होती हैं। आज हम आपको एक कहानी बताते हैं जिससे आपको पता चलेगा कि कैसे हुए हनुमान जी सिंदूरी रंग के और क्यों पसंद है उन्हें सिंदूर चढ़ाना!

एक बार हनुमाजी ने माता सीता को अपनी मांग में सिंदूर भरते हुए देखा। तब हनुमान जी को यह नहीं पता था कि माता सीता ऐसा क्‍यों कर रही हैं। उन्‍हें यह जानने की जिज्ञासा हुई कि सिंदूर को मांग में भरने का क्‍या लाभ है। 

श्री हनुमान क्यों हुए सिंदूरी | Mythological Story

Story of How Hanuman Met Sita | Mythological Story

This is the story of the day when Hanuman meets Sita first time in Ashok Vatika.

Ravana when kidnapped Sita, took her to Lanka. One day Sita was sitting in the Ashoka Vatika, sad and depressed, waiting for Rama to come and get her. Ravana came and said to Sita, "If you marry me, I will make you my Patrani( Chief Queen )."

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Arjuna’s Focus | Mythological Story

This is one of the stories from Mahabharat when Arjuna, one of the Pandavas was training under his Guru DronaCharya. 

Once upon a time, Guru DronaCharya overheard Duryodhana, one of the Kaurava, talking that Guru always favors Arjun and he never put that much focus on other disciples like him. Guru could have talked to Duryodhana at that time but he thought of a better way to tell everyone that Arjuna is indeed his best disciple.

Arjuna’s Focus | Mythological Story


भगवान विष्णु को कैसे मिला सुदर्शन चक्र? | भगवान विष्णु को किसने दिया था सुदर्शन चक्र? | Mythological Story

अगर आपने भगवान विष्णु का चित्र देखा है तो आपने देखा होगा कि उनके एक हाथ की उंगली में हमेशा 'सुदर्शन चक्र' रहता है। कहा जाता है कि सुदर्शन चक्र उनका एक ऐसा शस्त्र है जिसे वह जब दानवों पर चलाते थे, तो वह दानवों को मार कर वापस भगवान विष्णु की उंगली में आ जाता था। आइए जानते हैं कि आखिर कैसे भगवान विष्णु उनका यह "सुदर्शन चक्र" मिला!

भगवान विष्णु को कैसे मिला सुदर्शन चक्र? | Mythological Story

क्यों दिया गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप ?? | Mythological Story

आज हम आपको भगवान गणेश जी की एक और प्रसिद्ध कहानी सुनाने जा रहे हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार धन के देवता कुबेर भगवान शिव और माता पार्वती के पास अपने यहां भोजन करने के लिए आमंत्रित करने कैलाश पर्वत पहुंचे। लेकिन शिवजी कुबेर की मंशा को समझ गए थे कि वे सिर्फ अपनी धन-संपत्ति का दिखावा करने के लिए उन्हें अपने महल में आमंत्रित कर रहे हैं। इसीलिए उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण कार्य में उलझे होने का कारण बताते हुए आने से मना कर दिया। अब जहां भगवान शंकर नहीं जाएंगे जाहिर सी बात है, वहां माता पार्वती का क्या काम तो माता पार्वती ने उन्हें ये बोलकर मना कर दिया कि अगर उनके पतिदेव नहीं जाएंगे तो वो भी नहीं जाएंगी। ऐसे में कुबेर दुखी हो गए और भगवान शिव से प्रार्थना करने लगे। तब शिव जी मुस्कुरा कर बोले कि आप मेरे पुत्र गणेश को ले जाएं। 

क्यों दिया गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप ?? | Mythological Story

Ganesha And Kartikeya Race Story | Mythological Story

This is an Indian mythological story about Ganesh and Kartikeya's race around the world with a moral.

One day Narad Muni, the son of Brahma and a big devotee of Vishnu, came to Kailash Parbat (Mountain). Kailash Parbat was the place where Lord Shiva lived with his wife Goddess Parvati and two sons, Ganesh and Kartikeya. Narad was famous for one more thing, he was the messenger and also mischievous.

Ganesha And Kartikeya Race Story | Mythological Story | ImageSourceBought-ShutterStock

श्री कृष्ण और घमंडी कालिया नाग की कहानी | Mythological Story

आज हम आपको श्रीकृष्ण की पौराणिक कहानी सुनाने जा रहे हैं। कहानी कुछ इस तरह से हैं!

बचपन में जब श्री कृष्णा गोकुल में रहा करते थे, गोकुल के पास ही युमना नदी बहती थी। एक बार यमुना को कालिया नाग ने अपना घर बना लिया और नदी के पानी को अपने विष से जहरीला कर दिया। उस पानी को पीकर पशु-पक्षी और गांव के लोग मरने लगे थे।
श्री कृष्ण और कालिया नाग की कहानी