आपने देखा होगा कि हनुमान जी के मंदिर में अक्सर उन्हें सिंदूर चढ़ाया जाता है। कई मंदिरों में हनुमान जी की मूर्ति सिंदूरी रंग की ही होती हैं। आज हम आपको एक कहानी बताते हैं जिससे आपको पता चलेगा कि कैसे हुए हनुमान जी सिंदूरी रंग के और क्यों पसंद है उन्हें सिंदूर चढ़ाना!
एक बार हनुमाजी ने माता सीता को अपनी मांग में सिंदूर भरते हुए देखा। तब हनुमान जी को यह नहीं पता था कि माता सीता ऐसा क्यों कर रही हैं। उन्हें यह जानने की जिज्ञासा हुई कि सिंदूर को मांग में भरने का क्या लाभ है।
उन्होंने यह बात जब माता सीता से पूछी तो उन्होंने बताया कि मैं अपने पति श्री राम की लंबी उम्र के लिए अपनी मांग में सिंदूर सजाती हूं। इससे वह हमेशा स्वस्थ बने रहेंगे।
सीता माता की बात सुन कर हनुमान जी बहुत प्रभावित हुए। उन्हें लगा कि बात अगर भगवान श्री राम की उम्र बढ़ाने की है तो वह भी यह सिंदूर अपने शरीर में लगाएंगे। उन्होंने सोचा कि सिर्फ मांग में सिंदूर लगाने से क्या होगा, क्यों ना पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया जाए ताकि उनके भगवान श्री राम अमर हो जाएंगे।
फिर क्या था, हनुमान जी ने सिंदूर का एक बड़ा बक्सा लिया और स्वयं के ऊपर उड़ेल लिया। और श्री राम के सामने पहुंच गए।
तब श्री राम उनको इस तरह से देखकर आश्चर्य में पड़ गए। उन्होंने हनुमान से इसका कारण पूछा। हनुमान जी ने श्री राम से कहा कि प्रभु मैंने आपकी उम्र बढ़ाने के लिए और आप सदा अमर रहे इसके लिए सिंदूर लगाया है।
यह सब सुन श्री रामचंद्र जी, हनुमान जी के भोलेपन पर मुस्कुराए और समझ गए कि उनसे बड़ा भक्त उनका और कोई नहीं। तभी से हनुमानजी सिंदूरी रंग के हो गए और आज भी उन्हें सिंदूर अपने ऊपर चढ़ाना पसंद आता है।
आशा करती हूं कि आपको यह कहानी पसंद आई होगी। अगर आपके पास भी कोई पौराणिक कहानियां हो तो हमें जरूर भेजें। अपना ध्यान रखिए और खुश रहिए। हम जल्द ही एक नई कहानी के साथ आपसे मिलते हैं।
Story By - Hanuman Ji's Mythological Stories
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