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श्याम को समझ आया लक्ष्य का महत्व! | Inspirational Story

एक बार राम और श्याम नाम के दो मछुआरे थे, वह रोज नदी में मछलियां पकड़ने जाते थे। मछलियों को बेचकर जो रुपए मिलते उससे वह अपना घर चलाते।

हर दिन राम पूरी तैयारी के साथ मछलियों को पकड़ने के लिए समय पर पहुंच जाता, वह अपने साथ काटा और बाकी सभी सामान लेकर आता। वहीं दूसरी ओर श्याम आराम से आता और पूरी तैयारी से नहीं पहुंचता। 

श्याम को समझ आया लक्ष्य का महत्व! | Inspirational Story

हर दिन राम अपने निर्धारित समय पर सारी मछलियों को पकड़ भी लेता और उन्हें बेचकर रुपए भी कमा लेता। उसका घर खुशी-खुशी चल रहा था। 
परंतु श्याम दिनभर नदी में गुजारने के बावजूद भी मुश्किल से दो-तीन मछलियां पकड़ पाता, जिसके कारण उसे कम रुपए मिलते थे और घर चलाने में दिक्कत आती थी। 

एक बार श्याम ने राम से पूछा, "भाई! मैं भी तुम्हारी तरह मछुआरा हूं और हर दिन मछली पकड़ने आता हूं। मुझे मुश्किल से दो-तीन मछलियां मिलती हैं। जबकि हर दिन तुम टोकरी भर कर मछलियां पकड़ लेते हो। आखिर तुम इतनी मछलियां कैसे पकड़ते हो?" 

राम ने कहा, "मैं हर दिन अपना लक्ष्य तय कर के मछलियां पकड़ने आता हूं। उसके लिए एक दिन पहले ही तैयारी कर लेता हूं ताकि कांटे में जल्दी मछलियां फस जाए। और जब मछलियां पकड़ता हूं तो अपना ध्यान पूरी तरीके से उसी पर केंद्रित रखता हूं।" 

श्याम ने आश्चर्य से राम से बोला, "आखिर मछलियां पकड़ने के लिए तुम्हें लक्ष्य की क्या जरूरत है?" 

राम ने समझाते हुए कहां, "जब मनुष्य बिना लक्ष्य के काम करता है तो वह कभी भी निर्धारित समय पर काम खत्म नहीं कर पाता है और ना ही उसे यह पता होता है कि उसे करना क्या है।" 
 
"तुम हर दिन मछलियां पकड़ने आते हो और तुम्हारा कोई लक्ष्य नहीं होता, तुम बस आराम से आते हो, सोचते हो कि मैं मछलियां पकड़ लूंगा और भेज दूंगा।" 
"क्या तुमने कभी यह तय किया है, कि आखिर तुम कितने समय पर मछलियां पकड़ना चाहते हो?, कितनी मछलियां पकड़ना चाहते हो?, और उसके लिए तुम क्या मेहनत करोगे?" 

श्याम बोलता है, "इन बातों पर तो मैंने कभी ध्यान ही नहीं दिया।" 
उस पर राम बोलता है, "हां भाई! अक्सर जीवन में हम बिना किसी लक्ष्य काम करने लगते हैं। अगर हम जिंदगी में सफल होना चाहते हैं तो हमें लक्ष्य बनाना होगा और साथ ही में उसके लिए मेहनत करनी होगी।" 

श्याम को राम की बात समझ में आ जाती है और अगले ही दिन से वह भी अपना लक्ष्य बनाकर नदी पर पहुंचता है। इस बार वह भी समय पर आता है, पहले से ही तैयारी कर के आता है, और साथ ही पूरी एकाग्रता के साथ मछलियों को पकड़ने पर ध्यान देता है। 
उस दिन से हर दिन श्याम भी एक पूरी टोकरी भर कर मछलियों को पकड़ भी लेता था और उन्हें बेचकर उसे काफी रुपए में मिलते थे। अब उसका घर भी खुशी-खुशी चलने लगा था। आखिरकार श्याम ने सीखी लिया था कि जीवन में लक्ष्य का क्या महत्व होता है।

शिक्षा - 

प्यारे दोस्तों! "अगर आप भी जीवन में सफल होना चाहते हैं, तो अपना लक्ष्य बनाइए और फिर पूरी इमानदारी के साथ उस लक्ष्य के लिए मेहनत कीजिए। सफलता आपको जरूर मिलेगी!" 

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Story By - Khushi

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