बंसी बजाए नंदलाल,
उसकी लीला है कमाल।
बंसी बजाए नंदलाल,
उसके चरणों में है निहाल॥
बंसी बजाए नंदलाल...॥
गोपियाँ झूमें वृंदावन में,
साँवरा जब बंसी धरे।
मोहन की आँखों में ऐसा जादू,
हर दिल उसकी ओर फिरे॥
बंसी बजाए नंदलाल...॥
माखन चुराए, राधा हंसाए,
बाल रूप में भी है भगवान।
सुदामा का वो सच्चा सखा,
भक्ति से करता सम्मान॥
बंसी बजाए नंदलाल...॥
गीता का ज्ञान दिया जब युद्ध में,
धर्म का पाठ सिखाया।
रथ पे सारथी बनकर आया,
धर्म अधर्म का भेद बताया॥
बंसी बजाए नंदलाल...॥
कान्हा को जो दिल से पुकारे,
उसका हर दुख भाग जाए।
मुरली मनोहर, प्यारे गोपाल,
तेरे बिना न चैन आए॥
बंसी बजाए नंदलाल...॥
बंसी बजाए नंदलाल,
उसकी लीला है कमाल।
बंसी बजाए नंदलाल,
उसके चरणों में है निहाल॥
बंसी बजाए नंदलाल...॥
🙏
Lyrics - Khushi (Original Composition)
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यह एक मौलिक भक्तिपूर्ण रचना है। किसी भी मौजूदा भजन से कोई समानता केवल संयोगवश हो सकती है।
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