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चीटियों से शिक्षा | Kids Story

बहुत समय पहले की बात है। एक गांव में, एक परिवार रहता था। उस परिवार में दो बेटे थे रमेश और सुरेश। वह दोनों बेटे अपने माता-पिता के साथ एक ही घर में रहते थे।

एक बार बारिश के मौसम में, बहुत ज्यादा पानी बरसा। ज्यादा पानी बरसने के कारण, गांव में बाढ़ आ गई। बाढ़ के कारण पूरे गांव में खाने की समस्या हो गई। पहले के जमाने में खाना बनाने के लिए लकड़ियाँ जलाई जाती थी। क्योंकि सारी घर की लकड़ियाँ गीली हो गई थी, इस कारण वह जल नहीं पा रही थी।

चीटियों से शिक्षा | Kids Story

रमेश और सुरेश के पिताजी अपनी नौकरी के लिए दूसरे गांव गए थे। इसलिए मां ने रमेश और सुरेश से जंगल में जाकर नई लकड़ियाँ लाने के लिए कहा। तब तक बाढ़ का पानी सूख चुका था।

रमेश और सुरेश दोनों छोटे थे। वह एक साथ जंगल में लकड़ियाँ लेने के लिए निकल गए। बारिश के कारण अधिकतर लकड़ियाँ गीली हो चुकी थी। बहुत देर तलाशने के बाद उन्हें एक आम का पेड़ नजर आया।

आम के पेड़ के नीचे एक बहुत बड़ी लकड़ी पड़ी हुई थी, जो गीली भी नहीं थी। रमेश ने सुरेश से कहा- "हम यही लकड़ी लेकर चलते हैं, यह काफी बड़ी है, इससे कई दिनों तक खाना आसानी से बन जाएगा।"

परंतु लकड़ी बहुत बड़ी और भारी थी। वह दोनों भाइयों से नहीं उठ पा रही थी। सुरेश ने कहा- "शायद हम यह लकड़ी अकेले नहीं ले जा पाएंगे तो इसे यहीं छोड़ देते हैं।" इस पर रमेश बोला- "यदि हम इस लकड़ी को नहीं ले गए, तो कोई और ले जायेगा।"

दोनों कोई उपाय सोच ही रहे थे, इतने में वहां से निकलती चींटियों पर उनकी नजर पड़ी।

यह चीटियां एक अन्य का दाना एक साथ लेकर जा रही थी। वह दाना चीटियों से काफी बड़ा था। बार-बार उनसे गिर रहा था। फिर भी चीटियां एकत्रित होकर एक साथ उस अन्य को दाने को, अपने ऊपर उठा के ले जा रहे थी।

यह देख रमेश ने सुरेश से कहा- "मुझे तरकीब मिल गई है। तुम यहीं रुको मैं अभी गांव से आता हूं।"

रमेश तुरंत गांव गया और अपने कुछ दोस्तों को साथ ले आया। सारे बच्चों ने एक साथ उस लकड़ी को अपने कंधे पर उठाया और घर आ गए। लकड़ी देखते ही मां बहुत खुश हुए, कि अब उन्हें एक हफ्ते तक खाना बनाने के लिए चिंता नहीं करनी होगी।

चीटियों का एकत्रित होकर काम करना देखकर रमेश और सुरेश को यह शिक्षा मिली, कि वह भी अगर अपने दोस्तों को साथ ले ले, तो आसानी से लकड़ी को घर तक ले जा सकते हैं।

शिक्षा :- 

प्यारे मित्रों! "मिलजुल कर काम करने से असंभव काम भी संभव हो जाता है।"

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Post By :- Khushi

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