बहुत समय पहले, एक समृद्ध राज्य में, एक राजा और उसकी रानी रहते थे। अपनी उदारता और बुद्धिमत्ता के लिए उनकी प्रजा उन्हें बहुत चाहती थी, और उनके न्यायपूर्ण शासन के तहत राज्य फला-फूला। शाही जोड़े के पास हर सुख-सुविधा थी, लेकिन एक चीज की कमी थी; उनके पास कोई संतान नहीं थी जो उनके परिवार को पूरा कर सके।
रानी गहरी श्रद्धा से सूर्य देव की पूजा करती थी, यह विश्वास करते हुए कि उनकी दिव्य कृपा से उन्हें एक दिन संतान की प्राप्ति होगी। उसका विश्वास अटूट था, और वह रोजाना प्रार्थना और अनुष्ठानों में सुकून पाती थी, उम्मीद करती थी कि उसकी इच्छाएं एक दिन पूरी होंगी।
एक शांत दिन, राजा और रानी अपने हरे-भरे शाही बगीचे में टहल रहे थे। वे एक शांत सरोवर के किनारे रुके और प्रकृति की सुंदरता का आनंद ले रहे थे। अचानक, पानी से एक मेंढक निकला और साफ आवाज में उनसे बात करने लगा। मेंढक ने भविष्यवाणी की कि रानी जल्द ही एक बेटी को जन्म देगी, जो सूर्य देव का उपहार होगी।