Search Any Story

शीला बकरी का पछतावा | Kids Story

एक गांव के पास बहुत सारी बकरियाँ रहती थी। उन बकरियों में से एक बकरी बहुत अच्छी थी, जिसका नाम था शीला। शीला एक ईमानदार और नरम स्वभाव की बकरी थी। वह अपने सभी दोस्त और रिश्तेदारों को पसंद करती। सारी बकरियों के साथ मिलजुल कर रहती, किसी से कभी लड़ाई नहीं करती, किसी की कभी बुराई नहीं करती।
शीला बकरी का पछतावा Kwstorytimes


शीला इसी तरह मजे से अपनी जिंदगी जी रही थी। रोज सुबह उठती घास खाती, अपने दोस्तों से मिलती, और मजे से रहती। जब भी शीला से कोई मदद मांगने आता, तो वह उसकी मदद करती। वह मिलनसार थी और सब को अपना दोस्त मानती थी, इसलिए जब भी कोई घर आता, उसे वह अपनी घास भी खाने देती। सब कुछ मजे से चल रहा था। शीला को लगता था, उसके तो बहुत सारे दोस्त और रिश्तेदार हैं, सब कितने अच्छे हैं।

एक बार गांव में बहुत बारिश हुई, बारिश में शीला बकरी भीग गई और उस कारण से बीमार हो गई। शीला दिन-ब-दिन बीमार होती चली गई, इस कारण से वह काफी कमजोर हो गई थी। वह बाहर जाकर घास नहीं खा पाती
थी और घर में रखी घास भी धीरे-धीरे खत्म होने लगी थी।

शीला को चिंता होने लगी थी, क्योंकि जो घास उसने घर में जमा कर रखी थी, अब सब खत्म होने को थी। उसका बदन इतना कमजोर हो गया था कि वह चल फिर भी नहीं पाती थी। शीला के घर में हर रविवार को बाकी सभी बकरियाँ आया करती थी, वह सब शीला के घर पार्टी करती थी।

शीला ना सोचा रविवार आने ही वाला है, जब मेरी सहेली आएगी तो मेरे लिए थोड़ी सी घास ले आएंगी, क्योंकि जब वह बीमार होती थी तो मैं भी उनके लिए घास लेकर जाती थी। ऐसा सोचकर शीला को संतोष मिला। वह रविवार का इंतजार करने लगी।

जैसे ही रविवार आया, सुबह-सुबह उसके सभी दोस्त और रिश्तेदार शीला के घर आ गए। वह शीला से उसका हाल-चाल पूछने के बजाय, घर के अंदर आने की जगह, घर के बाहर ही रखी हुई घास खाने लगे। देखते ही देखते उन्होंने सारे घास खाकर खत्म कर दी।

शीला अभी कुछ समझ ही रही थी, इतने में सब ने उस उस से विदा ली और अपने घर लौट गई।

शीला को बहुत दुख हुआ, जब कोई और बकरी बीमार होती थी तो शीला उनकी सहायता करती थी, उनके लिए खास ले जाती थी, उनका हालचाल पूछती थी। परंतु शीला से ना तो किसी ने हालचाल पूछा, ना ही उसके लिए घास लेकर आए, बल्कि उसके पास जितनी भी बची-कुची घास थी, वह भी खत्म कर दी। अब शीला को पछतावा हो रहा था, कि काश! उसने सोच समझकर अच्छे लोगों से दोस्ती की होती, तो आज उसे भूखा नहीं रहना होता और कोई उसका ख्याल रखने वाला होता।

शिक्षा -


प्यारे दोस्तों! "जीवन में किसी को दोस्त या रिश्तेदार बनाने से पहले, उन्हें परखना चाहिए। सिर्फ संख्या बढ़ाने से कोई मतलब नहीं है, अगर जरूरत पड़ने पर ना कोई आप पर ध्यान दें और ना ही पूछे। ऐसे लोगों से दूर रहें है जो बस अपना ही फायदा देखते हो, और जब काम हो जाए तो पलट कर देखते भी नहीं है।"

यदि आपको यह कहानी पसंद आई हो तो हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताएं और अगर आप लोगों के पास भी मोटिवेशनल कहानियां हो तो हमें लिखकर भेजना ना भूले। दोस्तों! हमारी वेबसाइट को आपके सहयोग और प्यार की जरूरत है, इसलिए हमारी पोस्ट को शेयर करना ना भूले। आप सभी के सहयोग का बहुत-बहुत धन्यवाद।
हम जल्द ही आपसे अगली कहानी के साथ मिलेंगे। तब तक अपना ध्यान रखिए और खुश रहें।

Story By - Khushi
Inspired By - Internet
Post By - Khushi

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.