1. इतिहास कहता है कि कल सुख था, विज्ञान कहता है कि कल सुख होगा, लेकिन धर्म कहता है कि अगर मन सच्चा और दिल अच्छा हो तो हर रोज सुख होगा।
2. फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।
3. सदैव सन्दहे करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता न इस लोक में है न ही कही और।
4. अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है।
5. केवल मन ही किसी का मित्र और शत्रु होता है।
आशा करती हूं आपको श्रीमद्भागवत गीता यह छोटे उपदेश पसंद आए होंगे। अगर आप लोगों के पास भी उपदेश हो तो हमें नीचे कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताएं। आप हमें ईमेल भी कर सकते हैं। हम जल्दी ही एक नई कहानी के साथ आपसे मिलते हैं, तब तक अपना ध्यान रखें और खुश हुई।
2. फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।
3. सदैव सन्दहे करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता न इस लोक में है न ही कही और।
4. अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है।
5. केवल मन ही किसी का मित्र और शत्रु होता है।
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