एक बार एक शिकारी जंगल में शिकार करने के लिए गया। बहुत प्रयास करने के बाद उसने जाल में एक बाज पकड़ लिया।
शिकारी जब बाज को लेकर जाने लगा तब रास्ते में बाज ने शिकारी से कहा, "तुम मुझे लेकर क्यों जा रहे हो?"
शिकारी बोला, "मैं तुम्हे मारकर खाने के लिए ले जा रहा हूँ।”
बाज ने सोचा कि अब तो मेरी मृत्यु निश्चित है। वह कुछ देर यूँ ही शांत होकर सोचता रहा और फिर कुछ देर बाद सोचकर बोला, "देखो, मुझे जितना जीवन जीना था, मैंने जी लिया और अब मेरा मरना निश्चित है। लेकिन मरने से पहले मेरी एक आखिरी इच्छा है।"
"बताओ अपनी इच्छा?", शिकारी ने उत्सुकता से पूछा।
बाज ने बताना शुरू किया - मरने से पहले मैं तुम्हें दो सीख देना चाहता हूँ, इसे तुम ध्यान से सुनना और सदा याद रखना।
पहली सीख तो यह कि किसी कि बातों का बिना प्रमाण, बिना सोचे-समझे विश्वास मत करना। और दूसरी ये कि यदि तुम्हारे साथ कुछ बुरा हो या तुम्हारे हाथ से कुछ छूट जाए तो उसके लिए कभी दुखी मत होना।
शिकारी ने बाज की बात सुनी और अपने रस्ते आगे बढ़ने लगा।
कुछ समय बाद बाज ने शिकारी से कहा, "शिकारी, एक बात बताओ! अगर मैं तुम्हे कुछ ऐसा दे दूँ जिससे तुम रातों-रात अमीर बन जाओ तो क्या तुम मुझे आज़ाद कर दोगे?"
शिकारी फ़ौरन रुका और बोला, "क्या है वो चीज, जल्दी बताओ?"
बाज बोला, "दरअसल, बहुत पहले मुझे राजमहल के करीब एक हीरा मिला था। जिसे उठा कर मैंने एक गुप्त स्थान पर रख दिया था। अगर आज मैं मर जाऊँगा तो वो हीरा ऐसे ही बेकार चला जाएगा। इसलिए मैंने सोचा कि अगर तुम उसके बदले मुझे छोड़ दो तो मेरी जान भी बच जायेगी और तुम्हारी गरीभी भी हमेशा के लिए मिट जायेगी।"
यह सुनते ही शिकारी ने बिना कुछ सोचे समझे बाज को आजाद कर दिया और उसे हीरा लाने को कहा।
बाज तुरंत उड़ कर पेड़ की एक ऊँची शाखा पर जा बैठा और बोला, "कुछ देर पहले ही मैंने तुम्हे एक सीख दी थी कि किसी के भी बातों का तुरंत विश्वास मत करना लेकिन तुमने उस सीख का पालन नही किया और मेरी बातों में फस गए। दरअसल, मेरे पास कोई हीरा नहीं है और अब मैं आज़ाद भी हूँ।
यह सुनते ही शिकारी मायूस हो पछताने लगा। तभी बाज फिर बोला, तुम मेरी दूसरी सीख भूल गए कि अगर तुम्हारे साथ कुछ बुरा हो तो उसके लिए तुम कभी पछतावा मत करना। तुम्हें जल्द ही कुछ नई चीज मिल जाएगी।
शिकारी वहां से चला गया और उसने बाज की दो बातें हमेशा याद रखीं और उनका पालन किया। आगे चलकर उसकी तरक्की हो गई और वह हमेशा बाज का शुक्रगुजार रहा। बाज ने अपनी समझदारी और चतुराई से अपनी जान भी बचा ली और शिकारी को 2 शिक्षा भी दे दी।
आशा करती हूं आपको यह कहानी पसंद आई होगी। यदि हां, तो हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताएं और अगर आप लोगों के पास भी मजेदार कहानियां हो तो हमें लिखकर भेजना ना भूले। दोस्तों! हमारी वेबसाइट को आपके सहयोग और प्यार की जरूरत है, इसलिए हमारी पोस्ट को शेयर करना ना भूले। आप सभी के सहयोग का बहुत-बहुत धन्यवाद। हम जल्द ही आपसे अगली कहानी के साथ मिलेंगे। तब तक अपना ध्यान रखिए और खुश रहें।
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Post By - Khushi
शिकारी जब बाज को लेकर जाने लगा तब रास्ते में बाज ने शिकारी से कहा, "तुम मुझे लेकर क्यों जा रहे हो?"
शिकारी बोला, "मैं तुम्हे मारकर खाने के लिए ले जा रहा हूँ।”
बाज ने सोचा कि अब तो मेरी मृत्यु निश्चित है। वह कुछ देर यूँ ही शांत होकर सोचता रहा और फिर कुछ देर बाद सोचकर बोला, "देखो, मुझे जितना जीवन जीना था, मैंने जी लिया और अब मेरा मरना निश्चित है। लेकिन मरने से पहले मेरी एक आखिरी इच्छा है।"
"बताओ अपनी इच्छा?", शिकारी ने उत्सुकता से पूछा।
बाज ने बताना शुरू किया - मरने से पहले मैं तुम्हें दो सीख देना चाहता हूँ, इसे तुम ध्यान से सुनना और सदा याद रखना।
पहली सीख तो यह कि किसी कि बातों का बिना प्रमाण, बिना सोचे-समझे विश्वास मत करना। और दूसरी ये कि यदि तुम्हारे साथ कुछ बुरा हो या तुम्हारे हाथ से कुछ छूट जाए तो उसके लिए कभी दुखी मत होना।
शिकारी ने बाज की बात सुनी और अपने रस्ते आगे बढ़ने लगा।
कुछ समय बाद बाज ने शिकारी से कहा, "शिकारी, एक बात बताओ! अगर मैं तुम्हे कुछ ऐसा दे दूँ जिससे तुम रातों-रात अमीर बन जाओ तो क्या तुम मुझे आज़ाद कर दोगे?"
शिकारी फ़ौरन रुका और बोला, "क्या है वो चीज, जल्दी बताओ?"
बाज बोला, "दरअसल, बहुत पहले मुझे राजमहल के करीब एक हीरा मिला था। जिसे उठा कर मैंने एक गुप्त स्थान पर रख दिया था। अगर आज मैं मर जाऊँगा तो वो हीरा ऐसे ही बेकार चला जाएगा। इसलिए मैंने सोचा कि अगर तुम उसके बदले मुझे छोड़ दो तो मेरी जान भी बच जायेगी और तुम्हारी गरीभी भी हमेशा के लिए मिट जायेगी।"
यह सुनते ही शिकारी ने बिना कुछ सोचे समझे बाज को आजाद कर दिया और उसे हीरा लाने को कहा।
बाज तुरंत उड़ कर पेड़ की एक ऊँची शाखा पर जा बैठा और बोला, "कुछ देर पहले ही मैंने तुम्हे एक सीख दी थी कि किसी के भी बातों का तुरंत विश्वास मत करना लेकिन तुमने उस सीख का पालन नही किया और मेरी बातों में फस गए। दरअसल, मेरे पास कोई हीरा नहीं है और अब मैं आज़ाद भी हूँ।
यह सुनते ही शिकारी मायूस हो पछताने लगा। तभी बाज फिर बोला, तुम मेरी दूसरी सीख भूल गए कि अगर तुम्हारे साथ कुछ बुरा हो तो उसके लिए तुम कभी पछतावा मत करना। तुम्हें जल्द ही कुछ नई चीज मिल जाएगी।
शिकारी वहां से चला गया और उसने बाज की दो बातें हमेशा याद रखीं और उनका पालन किया। आगे चलकर उसकी तरक्की हो गई और वह हमेशा बाज का शुक्रगुजार रहा। बाज ने अपनी समझदारी और चतुराई से अपनी जान भी बचा ली और शिकारी को 2 शिक्षा भी दे दी।
शिक्षा -
प्यारे दोस्तों! "हमें कभी भी किसी अनजान व्यक्ति की बातों पर आसानी से विश्वास नहीं करना चाहिए और ना ही बिना सोचे समझे एकदम से कोई निर्णय लेना चाहिए। साथ ही अगर हमारा कोई नुकसान हो जाए या हम असफल हो जाए तो उस पर दुखी नहीं होना चाहिए, बल्कि अपनी गलतियों से सीख कर आगे बढ़ना चाहिए।"आशा करती हूं आपको यह कहानी पसंद आई होगी। यदि हां, तो हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताएं और अगर आप लोगों के पास भी मजेदार कहानियां हो तो हमें लिखकर भेजना ना भूले। दोस्तों! हमारी वेबसाइट को आपके सहयोग और प्यार की जरूरत है, इसलिए हमारी पोस्ट को शेयर करना ना भूले। आप सभी के सहयोग का बहुत-बहुत धन्यवाद। हम जल्द ही आपसे अगली कहानी के साथ मिलेंगे। तब तक अपना ध्यान रखिए और खुश रहें।
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