मगध राज्य में एक सोनापुर नाम का गाँव था। उस गाँव के लोग शाम होते ही अपने घरों में आ जाते थे और सुबह होने से पहले कोई घर के बाहर कदम भी नहीं रखता था । इसका कारण एक खूंखार डाकू था ।
डाकू मगध के जंगलों की गुफा में रहता था । वह लोगों को लूटता था और जान से भी मार देता था। लोगों को डराने के लिए वह जिसे भी मारता उसकी एक ऊँगली काट लेता और उन उँगलियों की माला बनाकर पहनता। इसलिए उसका नाम अंगुलिमाल पड़ा। गाँव के सभी लोग परेशान थे। इस डाकू के आतंक से छुटकारा चाहते थे।