यह कहानी स्वामी विवेकानंदा जी के अनुभव से प्रेरित है।
एक समय की बात है स्वामी विवेकानंदा जी बनारस में दुर्गा जी के मंदिर से निकल रहे थे। उस मंदिर के सामने बहुत सारे बंदर उपस्थित थे। स्वामी जी को देखते ही सारे बंदरों ने उन्हें घेर लिया। धीरे-धीरे सारे बंदर स्वामी जी के नजदीक आकर उन्हें डराने लगे।