राजा अकबर नें बीरबल को दुखी मन से बताया कि वह अंगूठी उनके पिता की अमानत थी, जिससे वह बहुत ही प्यार करते थे। बीरबल नें जवाब में कहा - "आप चिंता ना करें महाराज, मैं अंगूठी ढून्ढ लूँगा।"
बीरबल नें दरबार में बैठे लोगों की तरफ देखा और राजा अकबर से कहा - "महाराज चोरी इन्हीं दरबारियों में से एक ने की है। जिसके दाढ़ी में तिनका फसा है, उसी के पास आपका अंगूठी है।"
जिस दरबारी के पास महाराज का अंगूठी थी, वह यह सुनकर चौंक गया और अचानक से घबराहट के मारे अपनी दाढ़ी को ध्यान से देखने लगा।
बीरबल नें उसकी हरकत को देख लिया और उसी वक्त सैनिकों को आदेश दिया और कहा - "इस आदमी की जांच किया जाए।"
बीरबल सही था अंगूठी उसी के पास थी। उसको पकड़ लिया गया और कारागार में कैद कर लिया गया।
राजा अकबर अपने अंगूठे मिलने पर बेहद खुश थे, और उन्होंने बीरबल को धन्यवाद देते हुए पुरस्कार दिया।
शिक्षा -
प्यारे दोस्तों! "जो दोषी होता है, वह हमेशा पकड़े जाने के डर से घबराता रहता है। इसलिए गलत काम ना करें और सर उठा कर जियें।"
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Story By - Akbar Birbal Stories
Post By - Khushi
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