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Raman Outwits a Cunning Thief | Raman Outsmarts a Thief | Tenali Tales | Tenali Rama

Once upon a time, Tenali Raman embarked on a long journey. In those days, traveling between cities often meant crossing dense forests on foot. Along the way, he encountered a fellow traveler who seemed anxious.

“This area is notorious for thieves,” the man said nervously. “I fear they might rob me. May I join you on your journey?” Raman, always kind-hearted, agreed without hesitation.

Raman Outsmarts a Thief | Tenali Tales | Tenali Rama

बीरबल ने पहचानी अजनबी की मातृभाषा | अजनबी की मातृभाषा पहचानने की कहानी | अकबर-बीरबल

एक दिन, एक अजनबी व्यक्ति अकबर के दरबार में पहुंचा और बादशाह को झुककर सलाम किया। उसने कहा, "जहांपनाह, मैं कई भाषाओं में पारंगत हूं और आपके दरबार में मंत्री के रूप में सेवा करने का इच्छुक हूं।"

अकबर ने उसकी बात सुनकर उसे परखने का विचार किया। उन्होंने अपने मंत्रियों से कहा कि वे अजनबी से अलग-अलग भाषाओं में बात करें। दरबार में मौजूद मंत्रियों ने बारी-बारी से विभिन्न भाषाओं में उससे संवाद किया। हर बार अजनबी ने उसी भाषा में उत्तर देकर सबको चकित कर दिया। दरबारी उसकी भाषाओं की जानकारी से प्रभावित हो गए और उसकी प्रशंसा करने लगे।

बीरबल ने पहचानी अजनबी की मातृभाषा | अजनबी की मातृभाषा पहचानने की कहानी | अकबर-बीरबल

Birbal Outsmarts Jealous Courtier | Birbal's Three Questions | The Three Questions | Akbar-Birbal

King Akbar greatly admired Birbal, his chief minister, which stirred jealousy in one of the courtiers. This courtier aspired to become chief minister but couldn't because Birbal held the position. One day, when Akbar praised Birbal, the courtier, unable to contain his jealousy, challenged the king. He argued that Birbal's intelligence was overrated and proposed that if Birbal could answer three challenging questions, he would concede that Birbal was truly wise. Akbar, eager to see Birbal's cleverness in action, agreed.

Birbal Outsmarts Jealous Courtier | Birbal's Three Questions  | The Three Questions | Akbar-Birbal

चालाक कौवे और दुष्ट सर्प की कहानी | दुष्ट सर्प और कौवे | पंचतंत्र

एक घने जंगल में एक पुराना और विशाल पीपल का पेड़ खड़ा था। इस पेड़ पर एक कौवे और कौवी की जोड़ी ने अपना घोंसला बनाया था। लेकिन, पेड़ के खोखले तने में एक दुष्ट सर्प ने अपना घर बना रखा था। हर साल जब कौवे और कौवी अंडे देते, यह सर्प मौका पाकर अंडे चुपके से खा जाता।

एक दिन, जब कौवे जल्दी भोजन करके लौटे, तो उन्होंने देखा कि सर्प उनके अंडों पर हमला कर रहा है। सर्प के चले जाने के बाद, कौवे ने कौवी को सांत्वना दी और कहा, "प्रिय, हिम्मत मत हारो। अब हमें हमारे दुश्मन का पता चल गया है। हम इसका समाधान ढूंढ लेंगे।"

चालाक कौवे और दुष्ट सर्प की कहानी | दुष्ट सर्प और कौवे | पंचतंत्र

कंजूस व्यापारी गरीब चित्रकार | अकबर-बीरबल

अकबर के राज्य में हरिनाथ नाम का एक व्यक्ति रहता था। हरिनाथ एक प्रतिभाशाली चित्रकार था। वह चित्र बनाकर अपना जीवन व्यतीत करता था। क्योंकि वह चित्रकारी में बहुत अच्छा था, इसलिए वह पूरे राज्य में प्रसिद्ध था। 

दूर दराज के क्षेत्रों के अमीर लोग उससे अपना चित्र बनाने का आग्रह करते थे। हरिनाथ एक चित्र बनाने में बहुत समय लगाता था, क्योंकि वह पहले उसकी पूरी जानकारी इकट्ठी करता था, इसी कारण उसके चित्र जीवित प्रतीत होते थे। परंतु वह बहुत पैसे नहीं कमा पाता था और कमाया हुआ अधिकतर धन चित्र बनाने के लिए कच्चे माल की खरीद में खर्च हो जाता था।

तेनालीराम और सात जूते मारने वाली चाननपुर की चमेली | तेनालीराम

चाननपुर गाँव में चांदकुमारी नाम की एक रूपवती कन्या रहती थी। वह विवाह के योग्य हो गई थी लेकिन अपनी माँ के व्यवहार के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा था। उसकी माँ का नाम चमेली था जो अपने पति माधो को रोज़ सात जूते मारा करती थी। यह बात दूर-दूर तक के लोगों को पता थी इसलिए कोई भी चांदकुमारी को अपनी बहु नहीं बनाना चाहता था।

तेनालीराम और सात जूते मारने वाली चाननपुर की चमेली | तेनालीराम

दो औरतों में से बच्चे की असली माँ की पहचान | अकबर-बीरबल

एक बार बादशाह अकबर अपने सभी मंत्रियों के साथ सभा ले रहे थे। तभी दो औरतें एक बच्चे के साथ वहां पर पहुंची और दोनों जोर-जोर से रो रही थी।

पहली औरत ने कहा "जहांपनाह! यह बच्चा मेरा पुत्र है। मैं बहुत बीमार थी और इसकी देखभाल नहीं कर सकती थी। इसलिए मैंने इसे अपनी सहेली के पास छो़ड दिया था। किन्तु अब जब मैं ठीक हो गई हूं, तो यह मुझे मेरा पुत्र देने से इंकार कर रही है।"

इस पर दूसरी औरत ने रोते हुए अकबर से कहा, "यह झूठ बोल रही है! यह मेरा पुत्र है और मैं इसकी मां हूं। यह औरत इस तरह की कहानियां सुनाकर मेरे पुत्र को ले जाना चाहती है।"

बादशाह अकबर यह निश्चय नहीं कर पा रहे थे कि औरतों को कैसे न्याय दिलाया जाए। उन्होंने अपने सबसे बुद्धिमान मंत्री राजा बीरबल को अदालत में बुलाया। बीरबल ने एक के बाद एक दोनों औरतों की बात सुनी और सिर हिलाया। फिर वह अकबर की ओर झुका और बोला, "जहांपनाह! दोनों ही औरतें इस बच्चे की मां होने का दावा कर रही है।। इसलिए हम इन दोनों को बच्चा दे देते हैं।" 

दो औरतों में से बच्चे की असली माँ की पहचान | अकबर-बीरबल

बीरबल और तीन गुडि़यां | अकबर-बीरबल

एक बार एक कलाकार तीन सुन्दर गुडि़यों को लेकर बादशाह अकबर के दरबार में आया। ये गुडि़यां बिल्कुल एक समान थी। उनमें इतनी समानता थी कि उनके बीच अंतर करना बहुत मुश्किल था। बादशाह अकबर को गुडि़यां बहुत प्यारी लगी। उन्होंने कहा, "ये गुडि़यां मुझे बेच दो और मैं तुम्हें इनकी अच्छी कीमत दूंगा।"

बीरबल और तीन गुडि़यां | अकबर-बीरबल | KW Story Time

Face-Saving Formula | Tenali Raman Story

This story is from the Tenali Raman Collections when a Pahalwaan ( Wrestler ) shows up in Vijayanagara.

The story goes like this. One time, the king of Vijayanagara, Krishnadeva Raya got angry with Tenali Raman and he asked him not to show his face. 

Raman was disappointed and he wanted to win the King's heart back. On the very next morning, Raman was surprised to see a tall, fat man being carried on a chair by four short and stout men. The procession was heading to the palace. “This must be the pahalwan from the north,” thought Raman, who had heard people talking about a strong man from the north.

ShortMoralStories_TenaliRaman

Motivational Story of The Jackal and the Drum | Panchatantra Story

Today's short motivational story,The Jackal and the Drum, is from the collection of Panchatantra's stories.

The story starts with a hungry Jackal whose name was Gomaya. He was wandering in search of food in a jungle. He kept wandering but he didn't get anything. 

Jackal and the Drum Panchatantra Story

भगवान से महान | अकबर-बीरबल

एक दिन बादशाह अकबर ने अपने कुछ खास मित्रों को दावत के लिए आमंत्रित किया। बीरबल भी वहां थे। कई प्रकार के लजीज व्यंजन परोसे गए थे और सभी ने दावत का लुत्फ लिया। रात के खाने के बाद मेहमानों ने मनोरंजन के लिए अनुरोध किया। एक प्रसिद्ध कहानीकार को बुलाया गया। उसने अपने हास्य की कहानियां सुनानी शुरू कर दी। 

भगवान से महान | अकबर-बीरबल | KW Story Time

Birbal’s Journey To Heaven | Akbar-Birbal

Today's kid's friendly story from Akbar Birbal Collection is about Birbal's Journey to Heaven. Let's see whether the Birbal really went to Heaven or not?

Akbar always liked Birbal for his wisdom and wittiness. However, the other courtiers were always jealous of him, and with jealousy, they keep trying to put him down in front of Akbar's eyes. One day the court barber, who was also part of the jealousy group, plotted a plan against Birbal.

As the barber started trimming the Emperor’s beard, he said, “Sir, last night I dreamed about your father.” The Emperor got interested, so he asked, “What did he say to you ?”


माँ-बेटी के बच्चों में क्या रिश्ता हुआ? | 24वीं कहानी | विक्रम-बैताल

किसी नगर में मांडलिक नाम का राजा राज करता था। उसकी पत्नी का नाम चडवती था। वह मालव देश के राजा की लड़की थी। उसके लावण्यवती नाम की एक कन्या थी। जब वह विवाह के योग्य हुई तो राजा के भाई-बन्धुओं ने उसका राज्य छीन लिया और उसे देश-निकाला दे दिया। राजा; रानी और कन्या को साथ लेकर मालव देश को चल दिया। रात को वे एक वन में ठहरे। पहले दिन चलकर भीलों की नगरी में पहुँचे। राजा ने रानी और बेटी से कहा कि तुम लोग वन में छिप जाओ, नहीं तो भील तुम्हें परेशान करेंगे। वे दोनों वन में चली गयीं। इसके बाद भीलों ने राजा पर हमला किया। राजा ने मुकाबला किया, पर अन्त में वह मारा गया। भील चले गये।

माँ-बेटी के बच्चों में क्या रिश्ता हुआ? | 24वीं कहानी | विक्रम-बैताल | KWStoryTime.com

The Lion and the Foolish Donkey | Panchatantra Story

This short moral story has been taken from the Panchatantra Collections about a Lion and the Foolish Donkey.

There were Lion and his assistant Jackal in a forest. One day the Lion went on a fierce battle with the elephant and got injured badly. The Lion was injured so much that he couldn't even walk, hunting was out of the question for him.

As Lion was not hunting, Jackal also didn't eat for a few days. One day Jackal said to Lion, "O Master, I am not being able to serve you because I am too weak. I have not eaten for several days."

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दिन की दीपावली | तेनालीराम

दीपावली पास थी, राजा कृष्णदेव राय चाहते थे कि इस बार की दीपावली कुछ विशेष हो। इसके लिए चर्चा जोरों पर थी कि क्या किया जाए जो उत्सव यादगार बन जाए। राजपुरोहित ने कहा, "महाराजा, विशाल धार्मिक कथा का आयोजन किया जाए।" एक मंत्री ने कहा- "महाराजा, खेल उत्सव आयोजित करें।" किसी ने कहा- "जादूगरों का करतब रखा जाए।" 

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How Tenali Raman Saved Himself (Outwit the Guards) | Tenali Raman

One time Tenali Raman went to KrishnaDevaRaya, the king of Vijayanagar. He thought he will receive some gifts from the king. Instead, the king got angry with him because he came without an appointment.

The King ordered the two guards to cut off Raman's head with a single stroke from their swords. The guards were always against Raman and wanted to take revenge on him. Hearing this they were very excited.

They took him to the riverfront and tied him to a tree. Then they started sharpening their swords. As one of the guards was about to cut off Raman's head, Raman shouted, "Wait! The King's order was to execute me by both of you together."

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Who's Well Who's Water | Akbar-Birbal

Today's story is a very short story from the collection of Akbar Birbal. 

Once upon a time, there was a cunning man who sold his well to a farmer. The very next day in the morning the farmer went to take out some water from the well. As soon he was about to draw the water, the same man who sold the well came and stopped him. 

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The Exchanged Heads | Vikram Betal

This is another wonderful and exciting story from the Vikram Betal Collections. Once upon a time, there lived a washerman named Devashish. One day, he was washing clothes on the bank of a river when he saw a very beautiful lady, and he instantly fell in love with her. He inquired about her and found out that she was the daughter of a Brahmin who lived in a nearby village and her name was Madhusundari.
Devashish went to meet Madhusundari’s parents and asked them for her hand. They readily agreed and soon Devashish was married to Madhusundari.

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Can the Thief steal from Tenali Raman | Tenali Raman Story

This moral short story is about how a Thief tried to rob Tenali Raman and whether he was successful or not.

There was a forest which was very notorious for the thieves. It was known to everyone that if a person will cross from that forest will definitely be attacked by thieves. 
On the other side, Tenali Raman had to start a long journey and on the way, he had to walk through that forest. During the journey when he was inside the forest, another man met him. He was looking a little frightened and said, "I am alone here and I heard that this place is full of thieves. I want to go to another city but I am afraid that the thieves will rob me. Can I tag along with you ?"
Tenali Raman agreed and they continued their journey together.

Can the Thief steal from Tenali Raman | Tenali Raman Story

तेनालीराम के बाग की सिंचाई | तेनालीराम

एक बार विजयनगर में भीषण गर्मी के कारण सूखे की स्थिति पैदा हो गई। राज्य की नदियों-तालाबों का जलस्तर घट जाने के कारण पानी की विकट समस्या खड़ी हो गई। सूखे के कारण नगर के सभी बाग़-बगीचे भी सूखने लगे।

तेनालीराम ने अपने घर के पिछवाड़े एक बाग लगवाया था। वह बाग भी धीरे-धीरे सूखता जा रहा था। उस बाग के बीचो-बीच एक कुआं था, लेकिन उसका भी जलस्तर नीचे चला गया था। परिणामस्वरूप बाग की सिंचाई के लिए कूऐँ से पानी निकलना काफी कठिन था। यदि कुँए के पानी से बाग की सिंचाई कराने के लिए मजदूर भी लगाए जाते तो उसमे काफी धन खर्च होता।

तेनालीराम के बाग की सिंचाई | तेनालीराम