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बीरबल ने पहचानी अजनबी की मातृभाषा | अजनबी की मातृभाषा पहचानने की कहानी | अकबर-बीरबल

एक दिन, एक अजनबी व्यक्ति अकबर के दरबार में पहुंचा और बादशाह को झुककर सलाम किया। उसने कहा, "जहांपनाह, मैं कई भाषाओं में पारंगत हूं और आपके दरबार में मंत्री के रूप में सेवा करने का इच्छुक हूं।"

अकबर ने उसकी बात सुनकर उसे परखने का विचार किया। उन्होंने अपने मंत्रियों से कहा कि वे अजनबी से अलग-अलग भाषाओं में बात करें। दरबार में मौजूद मंत्रियों ने बारी-बारी से विभिन्न भाषाओं में उससे संवाद किया। हर बार अजनबी ने उसी भाषा में उत्तर देकर सबको चकित कर दिया। दरबारी उसकी भाषाओं की जानकारी से प्रभावित हो गए और उसकी प्रशंसा करने लगे।

बीरबल ने पहचानी अजनबी की मातृभाषा | अजनबी की मातृभाषा पहचानने की कहानी | अकबर-बीरबल

कंजूस व्यापारी गरीब चित्रकार | अकबर-बीरबल

अकबर के राज्य में हरिनाथ नाम का एक व्यक्ति रहता था। हरिनाथ एक प्रतिभाशाली चित्रकार था। वह चित्र बनाकर अपना जीवन व्यतीत करता था। क्योंकि वह चित्रकारी में बहुत अच्छा था, इसलिए वह पूरे राज्य में प्रसिद्ध था। 

दूर दराज के क्षेत्रों के अमीर लोग उससे अपना चित्र बनाने का आग्रह करते थे। हरिनाथ एक चित्र बनाने में बहुत समय लगाता था, क्योंकि वह पहले उसकी पूरी जानकारी इकट्ठी करता था, इसी कारण उसके चित्र जीवित प्रतीत होते थे। परंतु वह बहुत पैसे नहीं कमा पाता था और कमाया हुआ अधिकतर धन चित्र बनाने के लिए कच्चे माल की खरीद में खर्च हो जाता था।

दो औरतों में से बच्चे की असली माँ की पहचान | अकबर-बीरबल

एक बार बादशाह अकबर अपने सभी मंत्रियों के साथ सभा ले रहे थे। तभी दो औरतें एक बच्चे के साथ वहां पर पहुंची और दोनों जोर-जोर से रो रही थी।

पहली औरत ने कहा "जहांपनाह! यह बच्चा मेरा पुत्र है। मैं बहुत बीमार थी और इसकी देखभाल नहीं कर सकती थी। इसलिए मैंने इसे अपनी सहेली के पास छो़ड दिया था। किन्तु अब जब मैं ठीक हो गई हूं, तो यह मुझे मेरा पुत्र देने से इंकार कर रही है।"

इस पर दूसरी औरत ने रोते हुए अकबर से कहा, "यह झूठ बोल रही है! यह मेरा पुत्र है और मैं इसकी मां हूं। यह औरत इस तरह की कहानियां सुनाकर मेरे पुत्र को ले जाना चाहती है।"

बादशाह अकबर यह निश्चय नहीं कर पा रहे थे कि औरतों को कैसे न्याय दिलाया जाए। उन्होंने अपने सबसे बुद्धिमान मंत्री राजा बीरबल को अदालत में बुलाया। बीरबल ने एक के बाद एक दोनों औरतों की बात सुनी और सिर हिलाया। फिर वह अकबर की ओर झुका और बोला, "जहांपनाह! दोनों ही औरतें इस बच्चे की मां होने का दावा कर रही है।। इसलिए हम इन दोनों को बच्चा दे देते हैं।" 

दो औरतों में से बच्चे की असली माँ की पहचान | अकबर-बीरबल

बीरबल और तीन गुडि़यां | अकबर-बीरबल

एक बार एक कलाकार तीन सुन्दर गुडि़यों को लेकर बादशाह अकबर के दरबार में आया। ये गुडि़यां बिल्कुल एक समान थी। उनमें इतनी समानता थी कि उनके बीच अंतर करना बहुत मुश्किल था। बादशाह अकबर को गुडि़यां बहुत प्यारी लगी। उन्होंने कहा, "ये गुडि़यां मुझे बेच दो और मैं तुम्हें इनकी अच्छी कीमत दूंगा।"

बीरबल और तीन गुडि़यां | अकबर-बीरबल | KW Story Time

भगवान से महान | अकबर-बीरबल

एक दिन बादशाह अकबर ने अपने कुछ खास मित्रों को दावत के लिए आमंत्रित किया। बीरबल भी वहां थे। कई प्रकार के लजीज व्यंजन परोसे गए थे और सभी ने दावत का लुत्फ लिया। रात के खाने के बाद मेहमानों ने मनोरंजन के लिए अनुरोध किया। एक प्रसिद्ध कहानीकार को बुलाया गया। उसने अपने हास्य की कहानियां सुनानी शुरू कर दी। 

भगवान से महान | अकबर-बीरबल | KW Story Time

कौओं की गिनती | अकबर-बीरबल

एक बार पड़ोसी राज्य से एक बहुत प्रसिद्ध विद्वान बादशाह अकबर के दरबार में घूमने को आया। वह अकबर के सामने आकर अभिवादन के लिए झुका और कहा, "जहांपनाह! मैंने बीरबल की बुद्धि के बारे में बहुत सुना है। दूरदराज क्षेत्रों के लोग अक्सर इनकी बुद्धि की बहुत प्रशंसा करते हैं। महाराज अगर आप की आज्ञा हो तो मैं उनकी प्रतिभा की परीक्षा लेना चाहता हूं।"

अशुभ चेहरा | अकबर-बीरबल

बहुत समय पहले, बादशाह अकबर के राज्य में यूसुफ नामक एक युवक रहता था। उसका कोई दोस्त नहीं था, सभी लोग उससे नफरत करते थे। सभी उसका मजाक उड़ाते थे और जब वह सड़क पर चलता तो सब उस पर पत्थर फेंकते थे। यूसुफ का जीवन दयनीय था, सभी सोचते थे कि वह बहुत ही बदनसीब है। लोग तो यहां तक कहते थे कि यूसुफ के चेहरे पर एक नजर डालने से, देखने वाले व्यक्ति पर भी बदनसीबी आ सकती है।

बीरबल की जन्नत की यात्रा | अकबर-बीरबल

बीरबल की प्रशंसा से जलकर कुछ दरबारियों ने एक योजना बनायी कि कैसे वह बीरबल को अपने रास्ते से निकाल दें। उन्होंने अपनी योजना में राजा अकबर के हज्जाम को भी शामिल कर लिया।

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पूनम या दूज का चाँद | अकबर-बीरबल

बीरबल बहुत चतुर, बुद्धिमान और हाजिर जवाब थे, उनकी तारीफे दूर देशों तक फैली हुई थी। इरान के बादशाह ने जब उनकी बुद्धिमानी की तारीफ सुनी तो उसने राजा के पास संदेश भिजवाया की वह बीरबल को कुछ दिन के लिए मेरे दरबार में भेजने की कृपा करे। राजा ने बहुत कीमती वस्त्र आभूषणों की भेंट के साथ बीरबल और उनके सभा के कुछ अन्य दरबारियों को इरान के लिए रवाना किया।

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लेन देन प्रक्रिया | अकबर-बीरबल

एक बार की बात है। बादशाह अकबर अपने दरबारियों के साथ सभा में बैठे हुए थे। आज कोई भी फरियादी नहीं था, इसलिए उन्होंने सोचा कि क्यों ना मैं दरबारियों से कोई प्रश्न पूछूं।

बादशाह अकबर ने दरबारियों से पूछा, "मैंने हमेशा देखा है कि जब भी हम किसी को कुछ देते हैं तो, देने वाले का हाथ, हमेशा लेने वाले हाथ के ऊपर होता है।"

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आंखों वाले अंधे | अकबर-बीरबल

एक बार राजा अकबर ने अपनी राज्य सभा के सभी दरबारियों से पूछा - "हमारे राज्य में आंख वाले अधिक हैं या अंधे, इनमें से किस की संख्या अधिक है?"
सभी दरबारी चिंतित थे। वह एक दूसरे से पूछने लगे, "दोनों में से कौन ज्यादा है यह कैसे बताएं?"

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कैसे ढूंढा बीरबल ने अंगूठी के चोर को? | अकबर-बीरबल

एक दिन भरे दरबार में राजा अकबर की अंगूठी खो गई। जैसे ही राजा को यह बात पता चली उन्होंने सिपाहियों से ढूँढने को कहा पर उन्हें उनकी अंगूठी नहीं मिली।

राजा अकबर नें बीरबल को दुखी मन से बताया कि वह अंगूठी उनके पिता की अमानत थी, जिससे वह बहुत ही प्यार करते थे। बीरबल नें जवाब में कहा - "आप चिंता ना करें महाराज, मैं अंगूठी ढून्ढ लूँगा।"

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बीरबल की खिचड़ी | अकबर-बीरबल

अकबर ने कडकड़ाती सर्दियों के मौसम में एक दिन यह ऐलान किया की अगर कोई व्यक्ति पूरी रात भर पानी के अंदर छाती तक डूब कर खड़ा रह पाएगा तो उसे 1000 मोहरों का इनाम दिया जाएगा। इस चुनौती को पार करना काफी कठिन था।

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रेत और चीनी | अकबर-बीरबल

बादशाह अकबर के दरबार की कार्यवाही चल रही थे, तभी एक दरबारी हाथ में शीशे का एक मर्तबान लिए वहां आया।

बादशाह ने पूछा, “क्या है इस मर्तबान में?”

दरबारी बोला, “इसमें रेत और चीनी का मिश्रण है।”

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मोम का शेर | अकबर-बीरबल

पुराने समय में बादशाह एक दूसरे की बुद्धि की परीक्षा लिया करते थे। उस समय बादशाह अकबर और बीरबल के किस्से बहुत ही मशहूर थे। अक्सर लोग अकबर और बीरबल को चुनौतियां दिया करते थे और कई राज्य के राजा, अकबर और बीरबल की प्रशंसा से जलते भी थे।

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एक पेड़ दो मालिक | अकबर-बीरबल

अकबर बादशाह दरबार लगा कर बैठे थे। तभी राघव और केशव नाम के दो व्यक्ति अपने घर के पास स्थित आम के पेड़ का मामला ले कर आए। दोनों व्यक्तियों का कहना था कि वे ही आम के पेड़ के असल मालिक हैं और दुसरा व्यक्ति झूठ बोल रहा है। चूँकि आम का पेड़ फलों से लदा होता है, इसलिए दोनों में से कोई उसपर से अपना दावा नहीं हटाना चाहता।

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कुएँ के पानी का न्याय | अकबर-बीरबल

एक समय की बात है, बादशाह अकबर अपने दरबार में दरबारियों के साथ बैठे हुए थे। तभी दरबार में एक किसान और उसका पड़ोसी पहुंचे। किसान इंसाफ की गुहार लगा रहा था।
बादशाह अकबर ने किसान से पूछा कि आखिर क्या तकलीफ है, क्यों वहां इतना परेशान है।


अकबर के सपने का अर्थ | अकबर-बीरबल

एक बार बादशाह अकबर को सपना आया की उनके एक दाँत को छोड़ कर सभी दाँत टूट गये। अगली ही सुबह उन्होने राज्ये के सभी ज्योतिषियों को सपने का अर्थ जानने के लिए सभा मे बुला लिया।

सभी ज्योतिषियों को अकबर ने अपना सपना सुनाया और उनसे अपने सपने का मतलब पूछा। एक लंबे विचार विमर्श के बाद ज्योतिषियों ने बताया कि "बादशाह के सभी रिश्तेदार उनसे पहले मर जाएंगे।"

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तीन सवाल | अकबर-बीरबल

एक बार सभी दरबारी, बीरबल एवं राजा अकबर दरबार मे बैठे थे | सभी लोग दरबार के अलग-अलग पदो एवं मंत्री पदो के बारे मे विचार विमर्श कर रहे थे| उनमें से एक मंत्री, जो महामंत्री का पद पाना चाहता था। उसने मन ही मन एक योजना बनाई। उसे मालूम था, कि बीरबल उससे ज्यादा बुद्धिमान है, लेकिन फिर भी वह मुख्य सलाहकार का पद पाना चाहता था।

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बीरबल और 100 कौड़े | अकबर-बीरबल

जब महेश दास बड़े हुए तब उन्होंने बादशाह अकबर के यहां काम करने की इच्छा अपनी मां से जाहिर की। उन्होंने मां से कहा कि बादशाह ने मुझे अंगूठी दी थी, मैं वहां अंगूठी लेकर उनसे मिलने जाऊंगा और अपने लिए नौकरी की बात करूंगा।
उन्होंने अपना सामान बांधा, अंगूठी ली, अपनी मां से आशीर्वाद लिया और बादशाह के राज्य के लिए रवाना हो गए।

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