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लाली लोमड़ी के खट्टे अंगूर | Kids Story

एक खूबसूरत जंगल में लाली नाम की लोमड़ी रहती थी। वह एक दिन अपने जंगल से दूसरे जंगल जा रही थी। सुबह से चलते-चलते वह काफी भूखी हो गई थी। उसने भोजन खोजना चालू कर दिया, काफी देर तक घूमने के बाद उसे एक अंगूर की बेल दिखाई दी, जिसके ऊपर स्वादिष्ट बड़े-बड़े अंगूर लटके दिखाई दे रहे थे।

अंगूर को देखते ही लाली लोमड़ी के मुंह में पानी आ गया। उसने सोचा, 'यह अंगूर तो काफी स्वादिष्ट और मीठे दिखाई दे रहे हैं, आज इन्हीं को खाकर मैं अपना पेट भरूंगी।' इतना सोचते ही उसने अंगूर की बेल की ओर बढ़ना चालू कर दिया। पास आकर देखा तो अंगूर की बेल काफी ऊंची थी।


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अंगूर को तोड़ने के लिए लाली लोमड़ी उछली, परन्तु वह उन तक पहुँचने में असफल रही। उसने 5 मिनट तक बार-बार उछल-उछलकर अंगूर तोड़ने की कोशिश की, पर वह असफल रही। आखरी बार जब वह जोर से उछली तो धड़ाम से आकर नीचे गिर गई, गिरने के कारण उसके शरीर में चोट भी लग गई।

अब उससे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी, उसने सोचा अंगूर खाने की क्या जरूरत है और इतना सोचते ही वह वहां से जाने लगी।

यह सब पास में ही खड़ी मोलू मोर देख रही थी। मोलू मोर ने लाली लोमड़ी के पास जाकर पूछा कि "क्यों लोमड़ी चाची, क्या हुआ अंगूर नहीं खाओगी?"

यह सुनकर लाली लोमड़ी बोली, "मैं नहीं खाती अंगूर, वैसे भी यह तो काफी खट्टे दिखाई दे रहे हैं। इन्हें खाकर मुझे अपना मुंह का स्वाद थोड़ी ना बिगड़ना है।"

इस पर मोलू मोर बोली, "हां लोमड़ी चाची! आप अंगूर तोड़ नहीं पाई हो तो अब वह खट्टे ही लगेंगे ना।

लाली लोमड़ी वहां से चली गई। अब जब भी वह किसी से मिलती तो यही बताती क्यों उस जंगल में तो खट्टे अंगूर लगे हुए हैं।

शिक्षा -


प्यारे दोस्तों! "जैसे, जब लोमड़ी सफल नहीं हो पाई, तो अंगूर को खट्टे होने का दोष दीया और साथ में उसकी बुराई की। ठीक उसी तरह जब लोग सफल नहीं हो पाते, तो अक्सर उस चीज की बुराई करने लगते हैं। अपनी असफलता के लिए दूसरों को दोष ना दें, बल्कि बार-बार सफल होने का प्रयास करते रहे।"

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Story By - Khushi
Inspired By - Old Tales
Post By - Khushi

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