एक दिन पार्वती माता को स्नान करने जाना था। परंतु वहां पर कोई भी रखवाली के लिए नहीं था। इसलिए उन्होंने स्वयं ही चंदन के लेप द्वारा एक बालक को उत्पन्न किया। माता पार्वती ने उस बालक का नाम गणेश रखा और साथ ही उसे अपना पुत्र माना।
माता पार्वती ने गणेश जी को आदेश दिया कि "मैं स्नान करने जा रही हूं। जब तक मैं स्नान करके ना आऊं, मेरी अनुमति के बिना तुम किसी को भी घर के अंदर मत आने देना।"
माता पार्वती ने गणेश जी को आदेश दिया कि "मैं स्नान करने जा रही हूं। जब तक मैं स्नान करके ना आऊं, मेरी अनुमति के बिना तुम किसी को भी घर के अंदर मत आने देना।"