एक दिन शेखचिल्ली कुछ लड़कों के साथ, अपने कस्बे के बाहर एक पुलिया पर बैठे थे। तभी एक सज्जन शहर से आए और लड़कों से पूछने लगे, "क्यों भाई! 'शेख साहब' के घर को कौन-सी सड़क जाती है?"
शेखचिल्ली के पिता को सब 'शेख साहब' कहते थे। उस गाँव में वैसे तो बहुत से शेख थे, परंतु 'शेख साहब' शेखचिल्ली के अब्बाजान ही कहलाते थे। वह व्यक्ति उन्हीं के बारे में पूछ रहा था। वह 'शेख साहब' के घर जाना चाहता था।
परन्तु उसने पूछा था कि 'शेख साहब' के घर कौन-सा रास्ता जाता है!