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राहुल का लाल कप | Kids Story

आज हम आपको राहुल की कहानी सुनाएंगे! राहुल एक समझदार लड़का था, लेकिन वह पढाई के मामले में हमेशा मेहनत करने से बचता था। एक बार जब उसका पसंदीदा कप टूट गया तो माँ ने उसे बाज़ार से खुद जाकर एक अच्छा कप लाने को कहा। पहली बार राहुल को इस तरह का कोई काम मिला था, वह मन ही मन खुश हो रहा था कि चलो इसी बहाने उसे बाहर जाने को मिलेगा और उतनी देर कोई पढने के लिए नहीं कहेगा।





वह पास के बाजार में पहुंचा और इधर-उधर कप खोजने लगा। वह जो भी कप उठाता उसमे कोई न कोई कमी होती। कोई कमजोर होता तो किसी की डिजाईन अच्छी नहीं होती! काफी खोजने पर भी उसे कोई अच्छा कप नहीं दिखाई दिया और वो मायूस लौटने लगा।

तभी उसकी नज़र सामने की दूकान में रखे एक लाल रंग के कप पे जा टिकी। उसकी चमक और ख़ूबसूरती देख राहुल खुश हो गया औ झट से दुकानदार से वो कप हाथ में ले देखने लगा। कप वाकई में बहुत अच्छा था। उसकी मजबूती…उसकी चमक…उसकी शानदार डिजाईन…हर चीज परफेक्ट थी।

राहुल ने वो कप खरीद लिया और घर चला गया। रात को भी वो कप अपने साथ ले बिस्तर पे लेट गया, और देखते-देखते उसे नींद आ गयी। वह गहरी नींद में सो रहा था कि तभी उसे एक आवाज़ सुनाई दी…राहुल…राहुल…!
राहुल ने देखा कि वो कप उससे बातें कर रहा है।

कप - "मैं जानता हूँ कि मैं तुम्हे बहुत पसंद हूँ। पर क्या तुम जानते हो कि मैं पहले ऐसा नहीं था?"

राहुल - "नहीं! मुझे नहीं पता…तुम्ही बताओ कि पहले तुम कैसे थे।"

कप - "एक समय था जब मैं मामूली लाल मिटटी हुआ करता था। फिर एक दिन मेरा मास्टर मुझे अपने साथ ले गया। उसने मुझे जमीन पर पटक दिया और मेरे ऊपर पानी डाल कर अपने हाथों से मुझे मिलाने लगा…मैं चिल्लाया कि अब बस करो…लेकिन वो कहता रहा…अभी और…अभी और…मैंने बहुत कष्ट सहे…जब वो रुका तो मुझे लगा कि बस अब जो होना था हो गया….अब मैं पहले से काफी अच्छी स्थिति में हूँ।"

"लेकिन ये क्या, उसने मुझे उठाकर एक घुमते हुए चक्के पे फेंक दिया। वह चक्का इतनी तेजी से नाच रहा था कि मेरा तो सर ही चकरा गया…मैं चिल्लाता रहा…अब बस…अब बस….लेकिन मास्टर कहता…अभी और..अभी और… और वो अपने हाथ और डंडे से मुझे आकार देता रहा जब तक कि मैं एक कप के शेप में नहीं आ गया।"

"खैर! सच कहूँ तो पहले तो मुझे बुरा लग रहा था, लेकिन अब मैं खुश था कि चलो इतने कष्ट सह कर ही सही अब मैं अपने जीवन में कुछ बन गया हूँ, वर्ना उस लाल मिटटी के रूप में मेरी कोई वैल्यू नहीं थी।"

"लेकिन, मैं गलत था…अभी तो और कष्ट सहने बाकी थे।
मास्टर ने मुझे उठा कर आग की भट्ठी में डाल दिया गया… मैंने अपने पूरे जीवन कभी इतनी गर्मी नहीं सही थी…लगा मानो मैं वहीँ जल कर भष्म हो जाऊँगा….मैं एक बार फिर चिल्लाया…नहीं…नहीं…मुझे बाहर निकालो…अब बस करो…अब बस करो….!"

"लेकिन मास्टर फिर यही बोला…अभी और…अभी और…! और कुछ देर बाद मुझे भट्ठी से निकाल दिया गया।"
"अब मैं अपने आप को देखकर हैरान था…मेरी ताकत कई गुना बढ़ गयी थी…मेरी मजबूती देखकर मास्टर भी खुश था, उन्होंने मुझे फ़ौरन रंगने के लिए भेज दिया और मैं अपने इस शानदार रूप में आ गया। सचमुच, उस दिन मुझे खुद पर इतना गर्व हो रहा था जितना पहले कभी नहीं हुआ था।

"हाँ, ये भी सच है कि उससे पहले मैंने कभी इतनी मेहनत नहीं की थी…इतने कष्ट नहीं सहे थे…लेकिन आज जब मैं अपने आप को देखता हूँ तो मुझे लगता है कि मेरा संघर्ष मेरी मेहनत बेकार नहीं गयी, आज मैं सर ऊँचा उठा कर चल सकता हूँ…आज मैं कह सकता हूँ कि मैं दुनिया के सबसे अच्छे कपों में से एक हूँ।"

राहुल सारी बातें बड़े ध्यान से सुन रहा था और जैसे ही कप ने अपनी बात पूरी की उसकी आँखें खुल गयीं। आज सपने में ही सही, राहुल मेहनत का महत्त्व समझ गया था। उसने मन ही मन निश्चय किया कि अब वो कभी मेहनत से जी नहीं चुराएगा और अपने टीचर्स और पेरेंट्स के कहे अनुसार मन लगा कर पढ़ेगा और कड़ी मेहनत करेगा।
राहुल में अपनी जिंदगी में कड़ी मेहनत कर कर अपने सारे सपने पूरे किए और आज राहुल एक बहुत ही सफल आदमी बन गया है।

शिक्षा - 


प्यारे दोस्तों! "इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में हमें हमेशा ईमानदारी से मेहनत करनी चाहिए, भले ही फिर वह पढ़ाई हो, खेल कूद हो, चित्रकारी हो, या अन्य कोई काम। जो भी काम करो अच्छे से करो तभी सफलता मिलती है, क्योंकि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। आज जितनी ज्यादा हम मेहनत करेंगे कल उतना ही ज्यादा हमें उसका फल मिलेगा।"

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"धन्यवाद।"

Story By - Internet
Post By - Khushi

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