बहुत समय पहले एक छोटे से गांव में बहुत सारे मुर्गे रहते थे। उन सभी मुर्गों में एक मोनू नाम का मुर्गा था। वह सभी मुर्गे रोज सुबह कुकड़ू-कु करते हुए गांव के लोगों को उठाते थे। सब कुछ हंसी-खुशी चल रहा है।
एक दिन मोनू मुर्गे को एक छोटे से बच्चे ने गलती से लात मार दी। मोनू मुर्गे को बहुत गुस्सा आया, उसने सोचा एक तो मैं इन लोगों को रोज सुबह कुकड़ू-कु कर के उठाता हूं और दूसरा मेरा आभार मानने की जगह यहां मुझे ही चोट पहुंचा रहे हैं। मैं कल सुबह कुकड़ू-कु नहीं करूंगा, अगर मैंने कुकड़ू-कु नहीं की तो यह लोग उठ नहीं पाएंगे और अपना काम भी नहीं कर पाएंगे। तब इन लोगों को समझ आएगी मेरी कीमत।
ऐसा सोचकर अगली सुबह मोनू मुर्गे ने कुकड़ू-कु नहीं की। पर बाकी मुर्गों ने कुकड़ू-कु की और गांव वाले उठ गए और उठकर अपना काम करने लगे।
मोनू मुर्गे को समझ आ गई की अगर वह अपना काम नहीं भी करेगा तो भी उसके कारण किसी का काम नहीं रुकेगा। समय किस के लिए नहीं रुकता। आप अपना काम करो या ना करो, दूसरे लोग अपना काम हमेशा करते रहेंगे।
प्यारे दोस्तों! "मोनू मुर्गे को अपने ऊपर घमंड हो गया था, उसे लगा कि अगर वह कुकड़ू-कु नहीं करेगा, तो कोई अपना काम नहीं कर पाएगा, सब लोग उसके ऊपर निर्भर हैं, पर ऐसा नहीं निकला। सही बात तो यह है कि कोई किसी पर ज्यादा समय तक निर्भर नहीं रहता, समय अपने गति से चलता रहता है और लोग भी आगे बढ़ना सीख लेते हैं। इसलिए अगर आप किसी चीज में अच्छे हैं तो यह मत सोच बैठिए कि सिर्फ आप ही उस चीज को कर सकते हैं, दुनिया में और भी बहुत सारे विद्वान हैं और हर दिन दुनिया आगे बढ़ती जा रही है, वह किसी के लिए रुकने वाले नहीं।"
आशा करती हूं आपको यह कहानी पसंद आई होगी। यदि हां, तो हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताएं और अगर आप लोगों के पास भी मजेदार कहानियां हो तो हमें लिखकर भेजना ना भूले। दोस्तों! हमारी वेबसाइट को आपके सहयोग और प्यार की जरूरत है, इसलिए हमारी पोस्ट को शेयर करना ना भूले। आप सभी के सहयोग का बहुत-बहुत धन्यवाद। हम जल्द ही आपसे अगली कहानी के साथ मिलेंगे। तब तक अपना ध्यान रखिए और खुश रहें।
Story By - Khushi
Inspired By - Internet
Post By - Khushi
एक दिन मोनू मुर्गे को एक छोटे से बच्चे ने गलती से लात मार दी। मोनू मुर्गे को बहुत गुस्सा आया, उसने सोचा एक तो मैं इन लोगों को रोज सुबह कुकड़ू-कु कर के उठाता हूं और दूसरा मेरा आभार मानने की जगह यहां मुझे ही चोट पहुंचा रहे हैं। मैं कल सुबह कुकड़ू-कु नहीं करूंगा, अगर मैंने कुकड़ू-कु नहीं की तो यह लोग उठ नहीं पाएंगे और अपना काम भी नहीं कर पाएंगे। तब इन लोगों को समझ आएगी मेरी कीमत।
ऐसा सोचकर अगली सुबह मोनू मुर्गे ने कुकड़ू-कु नहीं की। पर बाकी मुर्गों ने कुकड़ू-कु की और गांव वाले उठ गए और उठकर अपना काम करने लगे।
मोनू मुर्गे को समझ आ गई की अगर वह अपना काम नहीं भी करेगा तो भी उसके कारण किसी का काम नहीं रुकेगा। समय किस के लिए नहीं रुकता। आप अपना काम करो या ना करो, दूसरे लोग अपना काम हमेशा करते रहेंगे।
शिक्षा -
प्यारे दोस्तों! "मोनू मुर्गे को अपने ऊपर घमंड हो गया था, उसे लगा कि अगर वह कुकड़ू-कु नहीं करेगा, तो कोई अपना काम नहीं कर पाएगा, सब लोग उसके ऊपर निर्भर हैं, पर ऐसा नहीं निकला। सही बात तो यह है कि कोई किसी पर ज्यादा समय तक निर्भर नहीं रहता, समय अपने गति से चलता रहता है और लोग भी आगे बढ़ना सीख लेते हैं। इसलिए अगर आप किसी चीज में अच्छे हैं तो यह मत सोच बैठिए कि सिर्फ आप ही उस चीज को कर सकते हैं, दुनिया में और भी बहुत सारे विद्वान हैं और हर दिन दुनिया आगे बढ़ती जा रही है, वह किसी के लिए रुकने वाले नहीं।"
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