एक समय की बात है। एक राजा के राज्य में महामारी फैल गई थी और उसके कारण कई लोग बीमार पड़ गए। राज्य में चारों और दुख का माहौल था।
राजा ने महामारी को रोकने के लिए कई उपाय करवाएं मगर कोई असर नहीं हुआ। दुखी राजा को लगा कि अब बस ईश्वर ही मदद कर सकते हैं और वह ईश्वर की प्रार्थना करने लगा। तभी आकाश में अचानक से आकाशवाणी हुई। "हे राजन तुम्हारे राज्य के बीचो-बीच एक पुराना सुखा कुआं है। यदि अमावस्या की रात को तुम्हारे राज्य के प्रत्येक घर से एक-एक बाल्टी दूध उस कुएं में डाला जाएगा तो अगली सुबह यह महामारी समाप्त हो जाएगी और सारे लोग स्वस्थ हो जाएंगे।"
राजा ने महामारी को रोकने के लिए कई उपाय करवाएं मगर कोई असर नहीं हुआ। दुखी राजा को लगा कि अब बस ईश्वर ही मदद कर सकते हैं और वह ईश्वर की प्रार्थना करने लगा। तभी आकाश में अचानक से आकाशवाणी हुई। "हे राजन तुम्हारे राज्य के बीचो-बीच एक पुराना सुखा कुआं है। यदि अमावस्या की रात को तुम्हारे राज्य के प्रत्येक घर से एक-एक बाल्टी दूध उस कुएं में डाला जाएगा तो अगली सुबह यह महामारी समाप्त हो जाएगी और सारे लोग स्वस्थ हो जाएंगे।"