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व्यापारी और दैत्य की कहानी | 3rd Story | अलिफ लैला

शहरजाद ने कहानी सुनाना शुरू की!!

प्राचीन काल में एक अत्यंत धनी व्यापारी बहुत-सी वस्तुओं का कारोबार किया करता था। यद्यपि प्रत्येक स्थान पर उसकी कोठियाँ, गुमाश्ते और नौकर-चाकर रहते थे, तथापि वह स्वयं भी व्यापार के लिए देश-विदेश की यात्रा किया करता था। 
एक बार उसे किसी विशेष कार्य के लिए अन्य स्थान पर जाना पड़ा। वह अकेला घोड़े पर बैठ कर चल दिया। गंतव्य स्थान पर खाने-पीने को कुछ नहीं मिलता था, इसलिए उसने एक खुर्जी में कुलचे और खजूर भर लिए। 

व्यापारी और दैत्य की कहानी | 3rd Story | Alif Lalia

गधे, बैल और उनके मालिक की कहानी | शहरयार और शहरजाद की शादी | 2nd Story | अलिफ लैला

एक बड़ा व्यापारी था जिसके गाँव में बहुत-से घर और कारखाने थे जिनमें तरह-तरह के पशु रहते थे। एक दिन वह अपने परिवार सहित कारखानों को देखने के लिए गाँव गया। उसने अपनी पशुशाला भी देखी जहाँ एक गधा और एक बैल बँधे हुए थे। उसने देखा कि वे दोनों आपस में वार्तालाप कर रहे हैं। वह व्यापारी पशु-पक्षियों की बोली समझता था। वह चुपचाप खड़ा होकर दोनों की बातें सुनने लगा।

गधे, बैल और उनके मालिक की कहानी | शहरयार और शहरजाद की शादी

शहरयार और शाहजमाँ की कहानी | अलिफ लैला की प्रारम्भ की कहानी | 1st Story | अलिफ लैला

आइए जानते हैं कैसे प्रारम्भ हुई अलिफ लैला की कहानियां!

फारस देश भी हिंदुस्तान और चीन के समान था और कई नरेश उसके अधीन थे। वहाँ का राजा महाप्रतापी, बड़ा तेजस्वी था और न्यायप्रिय होने के कारण प्रजा को प्रिय था। उस बादशाह के दो बेटे थे जिनमें बड़े लड़के का नाम शहरयार और छोटे लड़के का नाम शाहजमाँ था। दोनों राजकुमार गुणवान, वीर धीर और शीलवान थे।

शहरयार और शाहजमाँ की कहानी | अलिफ लैला की प्रारम्भ की कहानी

भगवान श्री कृष्ण जी की आरती | आरती कुंजबिहारी की, गिरिधर कृष्ण मुरारी की | आरती

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