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तेनालीराम के बाग की सिंचाई | तेनालीराम
एक बार विजयनगर में भीषण गर्मी के कारण सूखे की स्थिति पैदा हो गई। राज्य की नदियों-तालाबों का जलस्तर घट जाने के कारण पानी की विकट समस्या खड़ी हो गई। सूखे के कारण नगर के सभी बाग़-बगीचे भी सूखने लगे।
तेनालीराम ने अपने घर के पिछवाड़े एक बाग लगवाया था। वह बाग भी धीरे-धीरे सूखता जा रहा था। उस बाग के बीचो-बीच एक कुआं था, लेकिन उसका भी जलस्तर नीचे चला गया था। परिणामस्वरूप बाग की सिंचाई के लिए कूऐँ से पानी निकलना काफी कठिन था। यदि कुँए के पानी से बाग की सिंचाई कराने के लिए मजदूर भी लगाए जाते तो उसमे काफी धन खर्च होता।
तेनालीराम ने अपने घर के पिछवाड़े एक बाग लगवाया था। वह बाग भी धीरे-धीरे सूखता जा रहा था। उस बाग के बीचो-बीच एक कुआं था, लेकिन उसका भी जलस्तर नीचे चला गया था। परिणामस्वरूप बाग की सिंचाई के लिए कूऐँ से पानी निकलना काफी कठिन था। यदि कुँए के पानी से बाग की सिंचाई कराने के लिए मजदूर भी लगाए जाते तो उसमे काफी धन खर्च होता।
बुखार का इलाज | शेखचिल्ली
आज हम आपको शेखचिल्ली की एक और कहानी बताएंगे। इस कहानी को "बुखार का इलाज" के नाम से जाना जाता है। आइए पढ़ते हैं!
शेखचिल्ली अपने घर के बरामदे में बैठे-बैठे खुली आँखों से सपने देख रहे थे। उनके सपनों में एक विशालकाय पतंग उड़ी जा रही और शेखचिल्ली उसके ऊपर सवार थे। कितना आनंद आ रहा था, आसमान में उड़ते हुए नीचे देखने में। हर चीज़ छोटी नज़र आ रही थी।
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