एक बार एक शेर को शिकार की तलाश मे घूमते हुए आधा दिन बीत गया, लेकिन उसे कोई जानवर नहीं मिला। उसे प्यास भी लग रही थी। वह नदी के किनारे पहुँचा।
वहाँ उसने एक हिरण को मारा हुआ पड़ा देखा।उसने सोचा कि मैं काम करता हूं अभी के लिए मरा हुआ ही हिरण खा लेता हूं। भूख के मारे शेर के प्राण निकाल रहे थे। इसलिए वह जल्दी-जल्दी हिरण को खाने लगा। इसी जल्दबाज़ी के कारण उसके गले मे एक हड्डी फँस गई।
उसने उसे निकालने की बहुत कोशिश की, लेकिन कामयाब न हो सका। कई दिनों तक यही हाल रहा। शेर बहुत कमजोर हो गया।
एक दिन एक कौए ने शेर से उसके बीमार होने का कारण पूछा, तो शेर बोला- "मेरे गले मे एक हड्डी फाँसी हुई है, जो उसे निकाल देगा मैं उसे इनाम दूँगा।"
कौए ने सभी जानवरों को यह बात बताई, लेकिन इनाम के लोभ मे अपनी जान गँवाना किसी ने भी उचित नही समझा। आखिर शेर ने कौए से यह कार्य करने का आग्रह किया। कौए को शेर पर तनिक भी भरोसा नहीं था, लेकिन उसके कष्ट को देखते हुए कौए ने उसकी सहायता करने की ठानी।
पहले उसने दो लकड़ियाँ तोड़कर शेर के दाँतों मे फँसा दीं ताकि उसे वो खा न सके। फिर हड्डी निकालकर दोनों लकड़ियाँ भी हटा दीं , फिर उड़कर पेड़ पर बैठ गया। शेर ने उसे धन्यवाद दिया और वहाँ से चला गया। इस प्रकार कौए ने एक नेक काम भी किया और अपनी चतुराई से बच भी गया।।
प्यारे दोस्तों! "कौए को पता था कि शेर बहुत ही ताकतवर है और हो सकता है कि वह उसे खा जाए, इसलिए उसने अपनी रक्षा करने के लिए शेर के मुंह में लकड़ी डाल दी थी ताकि वह उसे खा न सके। ठीक उसी तरह हमें भी कोई जोखिम भरा काम करने से पहले, अपनी रक्षा करने का उपाय सोच लेना चाहिए, ताकि कोई हमें नुकसान ना पहुंचा सके।"
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"धन्यवाद।"
Story By - Internet
Post By - Khushi
वहाँ उसने एक हिरण को मारा हुआ पड़ा देखा।उसने सोचा कि मैं काम करता हूं अभी के लिए मरा हुआ ही हिरण खा लेता हूं। भूख के मारे शेर के प्राण निकाल रहे थे। इसलिए वह जल्दी-जल्दी हिरण को खाने लगा। इसी जल्दबाज़ी के कारण उसके गले मे एक हड्डी फँस गई।
उसने उसे निकालने की बहुत कोशिश की, लेकिन कामयाब न हो सका। कई दिनों तक यही हाल रहा। शेर बहुत कमजोर हो गया।
एक दिन एक कौए ने शेर से उसके बीमार होने का कारण पूछा, तो शेर बोला- "मेरे गले मे एक हड्डी फाँसी हुई है, जो उसे निकाल देगा मैं उसे इनाम दूँगा।"
पहले उसने दो लकड़ियाँ तोड़कर शेर के दाँतों मे फँसा दीं ताकि उसे वो खा न सके। फिर हड्डी निकालकर दोनों लकड़ियाँ भी हटा दीं , फिर उड़कर पेड़ पर बैठ गया। शेर ने उसे धन्यवाद दिया और वहाँ से चला गया। इस प्रकार कौए ने एक नेक काम भी किया और अपनी चतुराई से बच भी गया।।
शिक्षा -
प्यारे दोस्तों! "कौए को पता था कि शेर बहुत ही ताकतवर है और हो सकता है कि वह उसे खा जाए, इसलिए उसने अपनी रक्षा करने के लिए शेर के मुंह में लकड़ी डाल दी थी ताकि वह उसे खा न सके। ठीक उसी तरह हमें भी कोई जोखिम भरा काम करने से पहले, अपनी रक्षा करने का उपाय सोच लेना चाहिए, ताकि कोई हमें नुकसान ना पहुंचा सके।"
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"धन्यवाद।"
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