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गोलू गधे की नासमझी | Kids Story

एक समय की बात है, एक खूबसूरत जंगल में गब्बर शेर का राज चलता था। गब्बर शेर ने पूरी उम्र खूब शिकार किए, परंतु अब वह बूढ़ा हो गया था और शिकार नहीं कर पाता था। इसलिए उसने एक चालाक लोमड़ी को अपना मंत्री बनाया और उससे कहा कि वह रोज उसके लिए शिकार ढूंढ कर लाए।

लोमड़ी बहुत ही चालाक थी, वह रोज अलग-अलग जानवरों को बहला-फुसलाकर शेर के पास शिकार करने के लिए ले आती। आज भी लोमड़ी गब्बर शेर के लिए खाना ढूंढने निकल पड़ी थी। चलते-चलते उसे रास्ते में ही गोलू गधा दिखा।

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गोलू गधा काफी हट्टा-कट्टा था और बेहद भोला भी। वह किसी की भी बातों में फिसल जाता था। चालाक लोमड़ी ने जैसे ही गोलू को देखा तो उसने सोचा कि क्यों ना मैं इस मोटे गधे को शेर के पास ले जाऊं। शेर का पेट भी भर जाएगा और वह खुश भी हो जाएंगे, साथ में मुझे भी खाने को कुछ मिल जाएगा।

इतना सोचते ही चालाक लोमड़ी गोलू गधे के पास पहुंची और कहा-
"अरे गोलू भाई तुम कैसे हो?" भाई! तुम तो बहुत ही होशियार हो, तुम्हें पता है गब्बर शेर तुम्हें अपना मंत्री बनाना चाहते हैं आखिरकार तुमसे ज्यादा होशियार और योग्य मंत्रियों ने कहा मिलेगा।"

लोमड़ी की यह सब बातें सुनकर गोलू गधा हैरान हो गया। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। शेर उसे अपना मंत्री बनाना चाहते हैं, जबकि सारे जानवर तो उसका बहुत ही मजाक उड़ाते हैं। उसे नासमझ समझते हैं।

लोमड़ी ने कहा- "चलो भाई! तुम्हें गब्बर शेर बुला रहे हैं। वह तुम्हें आज ही मंत्री बनाना चाहते हैं।"
"तुम मेरे साथ उनकी गुफा में चलो।"

गुफा में चलने की बात सुनकर गोलू घटा डर गया। उसने सोचा कि अगर शेर ने उसे खा लिया तो क्या होगा। उसने लोमड़ी से कहा कि वह "मंत्री नहीं बनना चाहता और ना ही शेर की गुफा में जाना चाहता है।"

लोमड़ी ने फिर से अपनी मीठी बातों में फंसाते हुए कहां -
"अरे गोलू भाई! जरा सोचो अगर तुम शेर के मंत्री बन गए तो सारे जंगल के जानवर तुम से डरेंगे। जो जानवर तुम्हारी बुद्धि का मजाक उड़ाते थे वह भी चुप हो जाएंगे। हर कोई तुम्हारी प्रशंसा करेगा और सब तुम्हारी इज्जत करेंगे। तुम तो इतने होशियार हो, क्या तुम्हें यह बात समझ नहीं आ रही है कि मंत्री बना तुम्हारे लिए कितना फायदेमंद है।"

लोमड़ी की चालाक और मीठी बातों के जाल में गोलू गधा फस गया। उसने कभी अपनी प्रशंसा नहीं सुनी थी, उसे लगा कि हां! वाकई वह काफी होशियार है, और सच में शेर उसे अपना मंत्री बनाना चाहता है। अगर वह मंत्री बन जाएगा तो सारे जानवर उसकी इज्जत करेंगे।

उसने तुरंत शेर से जाकर मिलने का सोचा ताकि शेर उसे जल्द से जल्द मंत्री बना दे। गोलू गधा और लोमड़ी, शेर से मिलने के लिए उसकी गुफा की और चल पड़े।

दूसरी ओर गब्बर शेर बहुत भूखा था और अपनी गुफा में अपने शिकार का इंतजार कर रहा था। जैसे ही शेर ने गोलू गधे को आते देखा, वहां बहुत खुश हो गया कि आज तो उसे काफी मोटा ताजा शिकार मिलने वाला है।

गोलू गधा जैसे ही गुफा में घुसा, गब्बर शेर ने उस पर हमला कर दिया। जब गोलू ने लोमड़ी और शेर से पूछा कि "वह यह क्या कर रहे हैं? उन लोगों ने तो उसे मंत्री बनाने के लिए यहां पर बुलाया था।"

इस पर लोमड़ी और शेर हंसते हुए बोले- "हमने तुम्हें मंत्री बनाने के लिए नहीं बल्कि अपना पेट भरने के लिए बुलाया है।"
लोमड़ी ने हंसते हुए कहा- "तुम तो इतने नासमझ हो कि मेरी मीठी मीठी बातों में फस गए और मेरे साथ यहां आ गए।"
"अब हम दोनों तुम्हें खाएंगे और अपना पेट भरेंगे।"

गोलू गधे को अपनी नासमझी पर पछतावा हो रहा था, फिर भी उसने अपना दिमाग इस्तेमाल करते हुए तेजी से गुफा के बाहर दौड़ लगा दी। ऐसा करने पर वह बाहर तो निकल गया परंतु उसकी पूंछ और पैर घायल हो गए।
गोलू गधे की जान तो बच गई परंतु हमेशा के लिए उसे अपना पैर और पूछ गवानी पड़ गई। उसने कसम खाई कि आज से वह कभी भी किसी की मीठी-मीठी बातों में नहीं आएगा और अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करेगा।

शिक्षा - 


प्यारे दोस्तों! "कुछ लोग अपनी मीठी-मीठी बातों से दूसरों को फंसा लेते हैं और फिर उनका फायदा उठाते हैं। इसलिए हमें हमेशा अपनी समझदारी का इस्तेमाल करना चाहिए और अपनी जरा सी तारीफ सुनकर अति उत्साहित नहीं होना चाहिए। आखिरकार हमें पता होता है कि हम कितनी तारीफ के योग्य है।"

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"धन्यवाद।"

Story By - Khushi
Inspired By - Old Tales
Post By - Khushi

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