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ईमानदार बिरजू की अंगूर की बेल | Kids Story

एक गांव में बिरजू नाम का किसान रहता था। वह बेहद ईमानदार था, उसके बगीचे में एक बड़ी सी अंगूर की बेल लगी हुई थी। उसमें हर साल मीठे-मीठे अंगूर फलते थे। बिरजू किसान था भी अत्यंत परिश्रमी। वह दिन-रात मेहनत करता और उतना ही अच्छा फल पाता। परिश्रमी होने के साथ-साथ बिरजू परम सत्यवादी और त्यागी भी था।

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अपने इस स्वभाव के कारण उसने एक दिन विचार किया कि बग़ीचा तो है मेरे श्रम की देन, लेकिन भूमि जमींदार की है। अतः इन मीठे अंगूरों मे से उसे भी कुछ भाग मिलना चाहिए अन्यथा ये मेरा उसके प्रति अन्याय होगा और मैं ईश्वर के सामने मुँह दिखाने योग्य नही रहूँगा।

यह सोचकर बिरजू किसान ने प्रतिवर्ष जमींदार के घर कुछ मीठे अंगूर भेजने शुरू कर दिए। उधर, जमीदार स्वादिष्ट मीठे अंगूर खा कर लालची हो गया, उसने सोचा कि अंगूर की बेल मेरी जमीन पर है, इसलिए उस पर मेरा पूर्ण अधिकार है। मैं उसे अपने बग़ीचे मे लगा सकता हूँ।

लोभ के अंधकार मैं जमींदार में आव देखा ना ताव और अपने नौकरों को आदेश दिया की बेल उखाड़कर मेरे बग़ीचे मे लगा दो।
नौकरों ने मालिक की आज्ञा का पालन किया। बेचारा बिरजू असहाय था। वह सिवाय पछताने के क्या कर सकता था।

अंगूर की बेल जमींदार के बग़ीचे में लगा दी गई, लेकिन फल देने की बात तो दूर रही बेल कुछ ही दिनों में सूख गई। उस लोबी जमींदार को तो अंगूर ना मिले साथ ही बिचारे बिरजू को भी अपना अंगूरों से हाथ धोना पड़ा।

शिक्षा -


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Story By - Inspired by the Internet
Post By - Khushi

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