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इर्षा का फल | Kids Story

एक समय की बात है चार मित्र थे, जो हमेशा एक साथ रहते थे। वह चारों मित्रों ने सोचा कि क्यों ना हम भगवान की तपस्या करें और उनसे आशीर्वाद में अपनी मनोकामनाएं पूरी करने का वरदान मांगा जाए।
यह सोचकर चारों मित्र जंगल में चले गए और वहां जाकर कड़ी तपस्या करने लगे।

कुछ समय बाद चारों मित्रों की तपस्या से भगवान खुश हुए और उनके सामने प्रकट हुए। भगवान ने कहा कि मैं तुम चारों की तपस्या उसे बहुत प्रसन्न हूं, मांगो क्या मांगते हो वह तुम्हें अवश्य मिलेगा।

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चारों मित्र एक-एक कर के भगवान से अपनी इच्छा कहने लगे।

पहले मित्र ने कहा- "भगवान मुझे दुनिया का सबसे अमीर आदमी बना दीजिए।"
भगवान ने उसे तथास्तु बोल और दुनिया का सबसे अमीर आदमी बना दिया।
यह देखकर चौथा मित्र मन ही मन हंसने लगा।

फिर दूसरे मित्र ने कहा- "भगवान मुझे दुनिया का सबसे सुंदर इंसान बना दीजिए।"
भगवान ने उसे भी तथास्तु बोला और दुनिया का सबसे सुंदर इंसान बना दिया।
यह देख कर फिर से चौथा मित्र मन ही मन हंसने लगा।

अब तीसरे मित्र ने कहा- "मुझे दुनिया का सबसे होशियार इंसान बना दीजिए।"
भगवान ने उसे भी तथास्तु कहा और दुनिया का सबसे होशियार इंसान बना दिया।
इस पर चौथा मित्र एक बार फिर मन ही मन मुस्कुराने लगा।

यह सब देखकर तीनों मित्रों को चिंता होने लगी कि आखिर उनके चौथे मित्र को क्या हो गया है, वह क्यों बार-बार मुस्कुरा रहा है।
अब चौथे मित्र की बारी थी।

चौथे मित्र ने भगवान से कहा- "मुझे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए, बस मेरे यह तीन मित्र जैसे पहले थे उन्हें वैसे ही बना दीजिए।"
भगवान ने उसे भी तथास्तु कहा और उन तीनों दोस्तों को पहले जैसा बना दिया।

उन तीनों मित्रों के पास पहले जो था वही बचा था। उन्हें कड़ी मेहनत से की हुई तपस्या का कोई फल नहीं मिला और वह सब दुखी मन से वापस घर लौट गए। परंतु चौथा मित्र अभी भी मन ही मन हंस रहा था यह सोच कर कि उसने किस तरह अपने तीनों मित्रों का काम बिगाड़ दिया।

शिक्षा - 


प्यारे दोस्तों! "जिस तरह चौथे मित्र ने अपने तीनों मित्रों से जलकर उनका नुकसान तो किया ही किया, साथ ही अपनी भी एक इच्छा व्यर्थ कर दी। वह चाहता तो अपने लिए कुछ अच्छा मांग सकता था, भगवान उसकी इच्छा भी पूरी करते। 
ठीक उसी तरह कुछ लोग दूसरों से जलन के कारण उनका नुकसान तो करते ही हैं साथ में अपना नुकसान भी कर बैठते हैं। सच बात तो यह है कि इर्षा से हम अपनी जिंदगी में कुछ भी हासिल नहीं कर सकते।
इसलिए ना दूसरों से जलना  चाहिए और ना ही जो लोग आपसे जलते हैं उनके साथ रहना चाहिए।"

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"धन्यवाद।"

Story By - Khushi
Inspired By - Old Tales
Post By - Khushi

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