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English Quote #33

The Secret Of Change is to Focus all of your Energy, not on fighting the Old, but on building the New!
- Socrates

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भगवान कृष्ण को 'गोविंद' नाम क्यों पड़ा? | श्री कृष्ण को गोविंद क्यों कहते हैं? | Krishna Stories | Mythological Story

पुरातन काल में, भगवान कृष्ण बचपन में बहुत चंचल और प्यारे थे। उन्हें कई नामों से पुकारा जाता था, जैसे कन्हैया, श्याम, नंदलाला, और गोपाल। हर नाम के पीछे एक कहानी है, और आज की कहानी कृष्ण के 'गोविंद' नाम के बारे में है।

जब कृष्ण छोटे थे, वे अक्सर गायों को चराने के लिए वन में ले जाते थे। एक दिन, जब वे गायों को घास चराने के लिए गहरे जंगल में ले गए, तो एक अद्वितीय घटना घटी। वहाँ कामधेनु नाम की एक दिव्य गाय आई, जो स्वर्गलोक से आई थी।

कामधेनु ने कृष्ण के सामने आकर कहा, “हे कृष्ण, मैं कामधेनु हूँ, एक दिव्य गाय जो स्वर्ग से आई है। मैं आपकी धरती पर गायों के प्रति स्नेह और सुरक्षा से बहुत प्रभावित हूँ। मैं आपको सम्मानित करने के लिए एक पवित्र अभिषेक करना चाहती हूँ।”

भगवान कृष्ण को 'गोविंद' नाम क्यों पड़ा? | श्री कृष्ण को गोविंद क्यों कहते हैं? | Krishna Stories | Mythological Story

Jim Hawkins and the Treasure Island Adventure | Treasure Island | Kids Bedtime Stories | Kids Story

Jim Hawkins had a thirst for adventure. One day, a blind man named Black Dog came to stay at the inn. Black Dog was an unkind and secretive man, and Jim couldn't have imagined the adventure that lay ahead.

One morning, Black Dog was found dead in his room. Curious, Jim and his mother decided to search through his belongings. Inside a trunk, they discovered an old map, which appeared to be a treasure map. Thrilled by the discovery, Jim showed the map to the village Squire.

Jim Hawkins and the Treasure Island Adventure | Treasure Island | Kids Bedtime Stories | Kids Story

बीरबल ने पहचानी अजनबी की मातृभाषा | अजनबी की मातृभाषा पहचानने की कहानी | अकबर-बीरबल

एक दिन, एक अजनबी व्यक्ति अकबर के दरबार में पहुंचा और बादशाह को झुककर सलाम किया। उसने कहा, "जहांपनाह, मैं कई भाषाओं में पारंगत हूं और आपके दरबार में मंत्री के रूप में सेवा करने का इच्छुक हूं।"

अकबर ने उसकी बात सुनकर उसे परखने का विचार किया। उन्होंने अपने मंत्रियों से कहा कि वे अजनबी से अलग-अलग भाषाओं में बात करें। दरबार में मौजूद मंत्रियों ने बारी-बारी से विभिन्न भाषाओं में उससे संवाद किया। हर बार अजनबी ने उसी भाषा में उत्तर देकर सबको चकित कर दिया। दरबारी उसकी भाषाओं की जानकारी से प्रभावित हो गए और उसकी प्रशंसा करने लगे।

बीरबल ने पहचानी अजनबी की मातृभाषा | अजनबी की मातृभाषा पहचानने की कहानी | अकबर-बीरबल