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श्याम को समझ आया लक्ष्य का महत्व! | Inspirational Story

एक बार राम और श्याम नाम के दो मछुआरे थे, वह रोज नदी में मछलियां पकड़ने जाते थे। मछलियों को बेचकर जो रुपए मिलते उससे वह अपना घर चलाते।

हर दिन राम पूरी तैयारी के साथ मछलियों को पकड़ने के लिए समय पर पहुंच जाता, वह अपने साथ काटा और बाकी सभी सामान लेकर आता। वहीं दूसरी ओर श्याम आराम से आता और पूरी तैयारी से नहीं पहुंचता। 

श्याम को समझ आया लक्ष्य का महत्व! | Inspirational Story

अमात्य की कहानी | 10th Story | अलिफ लैला

प्राचीन समय में एक राजा था उसके राजकुमार को मृगया का बड़ा शौक था। राजा उसे बहुत चाहता था, राजकुमार की किसी इच्छा को अस्वीकार नहीं करता था। एक दिन राजकुमार ने शिकार पर जाना चाहा। राजा ने अपने एक अमात्य को बुलाकर कहा कि राजकुमार के साथ चले जाओ, तुम्हें सब रास्ते मालूम हैं, राजकुमार को नहीं मालूम, इसलिए एक क्षण के लिए भी राजकुमार का साथ न छोड़ना।

अमात्य की कहानी | 10th Story | अलिफ लैला

तेनालीराम और सात जूते मारने वाली चाननपुर की चमेली | तेनालीराम

चाननपुर गाँव में चांदकुमारी नाम की एक रूपवती कन्या रहती थी। वह विवाह के योग्य हो गई थी लेकिन अपनी माँ के व्यवहार के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा था। उसकी माँ का नाम चमेली था जो अपने पति माधो को रोज़ सात जूते मारा करती थी। यह बात दूर-दूर तक के लोगों को पता थी इसलिए कोई भी चांदकुमारी को अपनी बहु नहीं बनाना चाहता था।

तेनालीराम और सात जूते मारने वाली चाननपुर की चमेली | तेनालीराम

दो औरतों में से बच्चे की असली माँ की पहचान | अकबर-बीरबल

एक बार बादशाह अकबर अपने सभी मंत्रियों के साथ सभा ले रहे थे। तभी दो औरतें एक बच्चे के साथ वहां पर पहुंची और दोनों जोर-जोर से रो रही थी।

पहली औरत ने कहा "जहांपनाह! यह बच्चा मेरा पुत्र है। मैं बहुत बीमार थी और इसकी देखभाल नहीं कर सकती थी। इसलिए मैंने इसे अपनी सहेली के पास छो़ड दिया था। किन्तु अब जब मैं ठीक हो गई हूं, तो यह मुझे मेरा पुत्र देने से इंकार कर रही है।"

इस पर दूसरी औरत ने रोते हुए अकबर से कहा, "यह झूठ बोल रही है! यह मेरा पुत्र है और मैं इसकी मां हूं। यह औरत इस तरह की कहानियां सुनाकर मेरे पुत्र को ले जाना चाहती है।"

बादशाह अकबर यह निश्चय नहीं कर पा रहे थे कि औरतों को कैसे न्याय दिलाया जाए। उन्होंने अपने सबसे बुद्धिमान मंत्री राजा बीरबल को अदालत में बुलाया। बीरबल ने एक के बाद एक दोनों औरतों की बात सुनी और सिर हिलाया। फिर वह अकबर की ओर झुका और बोला, "जहांपनाह! दोनों ही औरतें इस बच्चे की मां होने का दावा कर रही है।। इसलिए हम इन दोनों को बच्चा दे देते हैं।" 

दो औरतों में से बच्चे की असली माँ की पहचान | अकबर-बीरबल